मध्य प्रदेश के 41 जिला अस्पतालों में अगले साल जनवरी तक डिजिटल एक्सरे की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके लिए मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक अस्पताल में मशीन लगाने का खर्च करीब एक करोड़ रुपये आएगा। इसका फायदा बड़े पैमाने पर मरीजों को पहुंचेगा।
साधारण एक्सरे के मुकाबले डिजिटल की गुणवत्ता बेहतर होती है। छोटे फ्रैक्चर इसमें आसानी से दिख जाते हैं। कंप्यूटर स्क्रीन पर एक्सरे को जरूरत के अनुसार बड़ा करके और अलग-अलग एंगल से देखा जा सकेगा। इसके जरिए 10 मिनट में जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
जिला अस्पतालों में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) शुरू होने पर फिल्म लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। मरीज का आइडी नंबर डालने पर स्क्रीन पर एक्सरे दिख जाएगा। अभी भोपाल समेत प्रदेश के 10 जिला अस्पतालों में यह सुविधा है। इस तरह अब प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डिजिटल एक्सरे की सुविधा हो जाएगी।
इसके अलावा जिला अस्पतालों में कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी (सीआर) की सुविधा भी शुरू होने जा रही है। इसमें साधारण मशीन से अच्छा एक्सरे आता है। डिजिटल एक्सरे से अपेक्षाकृत यह कम उन्नत तकनीक है। ज्यादा मरीज होने पर डिजिटल रेडियोग्राफी की जगह सीआर का उपयोग भी मरीज की बीमारी के अनुसार किया जा सकेगा।
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