देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर हरियाणा के फरीदाबाद जिले में दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया है। सूरजकुंड में हो रहे इस चिंतन शिविर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। शाह सभी राज्यों के गृहमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। 27 और 28 जुलाई को होने वाले चिंतन शिविर में अगले 25 सालों में देश की आंतरिक सुरक्षा के रोडमैप को लेकर चर्चा होगी।
चिंतन शिविर में अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान में कानून-व्यवस्था को संभालने का जिम्मा राज्य को दिया गया है, लेकिन अब तकनीक के बढ़ावे के साथ कई ऐसे कानून भी अस्तित्व में आए हैं जिनकी कोई सीमा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कानून-व्यवस्था की परिस्थिति का विषय जब राज्य का जिम्मा है। उस वक्त सीमा रहित अपराधों का मुकाबला करने के लिए तभी हम सफल हो सकते हैं जब सभी राज्य मिल कर इस पर चिंतन करें और रणनीति बनाए।
शाह ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि साल 2024 तक हर राज्य में NIA शाखाएं स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद आतंकी गतिविधियों में 34% की कमी, सुरक्षाबलों की मौत में 64% की कमी और नागरिक मौतों में 90% की कमी आई है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हुईं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्य सरकार चिंतन शिविर में गृह सचिव बीपी गोपालिका या राज्य के डीजीपी (होम गार्ड) मनोज मालवीय को भी नहीं भेजेगी। हालांकि, इस बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक (होम गार्ड) नीरज कुमार सिंह शामिल हो रहे हैं। बता दें कि सीएम ममता बनर्जी के पास पश्चिम बंगाल के गृह मंत्रालय का कार्यभार भी है।
इसके अलावा दिल्ली में पश्चिम बंगाल के स्थानीय आयुक्त राम दास मीणा भी इस बैठक में शामिल होंगे। ममता बनर्जी के बैठक में शामिल ना होने के पीछे उनकी व्यस्तता का हवाला दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि कई त्योहारों के चलते सीएम ममता बनर्जी का राज्य से बाहर जाना संभव नहीं है। इसीलिए गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक भी इस चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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