Thursday, 22nd May 2025

सारे बांध लबालब:जलाशय लबालब, पनबिजली उत्पादन 184% बढ़ा; इसलिए ताप विद्युत संयंत्रों से डिमांड 47% तक घटी

Mon, Aug 22, 2022 4:16 PM

पिछले एक माह से जारी अच्छी बारिश से पनबिजली संयंत्र से जुड़े सारे बांध लबालब भर गए हैं। नतीजतन यहां से बिजली का उत्पादन मई-जून की तुलना में 184% बढ़ गया है। इसलिए कोयले से चलित ताप विद्युत संयंत्रों से मई जून की तुलना में 47% कम बिजली बनानी पड़ रही है। इसके मायने यह हैं कि मप्र की विद्युत कंपनियों की रोजाना कोयले की डिमांड 24 हजार मीट्रिक टन कम हो गई है। हालांकि मप्र को केंद्रीय अनुबंध के तहत रोजाना 5776 मेगावॉट बिजली लेनी पड़ रही है।

बारिश में बिजली की मांग भी 2500 मेगावॉट तक घटी है। राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों के डेटा बताते हैं कि बांध में पानी भरने के बाद इंदिरा सागर विद्युत परियोजना से पूरी क्षमता यानी 1020 मेगावॉट से उत्पादन हो रहा है। ओंकारेश्वर पनबिजली संयंत्र से भी 520 मेगावॉट की पूरी क्षमता बिजली बन रही है। छोटी-बड़ी सभी परियोजनाओं से हो रही विद्युत आपूर्ति 330 मेगावॉट है। यानी सभी पनबिजली परियोजनाओं का संयुक्त उत्पादन 1870 मेगावॉट तक पहुंच चुका है। मई-जून में मप्र से पनबिजली संयंत्र केवल 660 मेगावॉट ही बिजली बनाने की स्थिति में थे। इसलिए ताप विद्युत संयंत्र से उत्पादन 3500 मेगावॉट तक पहुंच गया था।

पूरी क्षमता से उत्पादन होगा

पन बिजली परियोजनाओं से 1200 मेगावॉट तक ज्यादा बिजली बन रही है। इसी अनुपात में कोयला चलित संयंत्रों से उत्पादन घटा है। जलाशय लबालब हैं। नवंबर तक पन बिजली परियोजनाएं पूरी क्षमता से उत्पादन करती रहेंगी।'

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery