मध्यप्रदेश के सरकारी यूनिवर्सिटी में अब कृषि, नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स भी शुरू होने जा रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि यूनिवर्सिटी कृषि, मेडिकल, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। पैरामेडिकल, मेडिकल के पाठ्यक्रम पीपीपी मॉडल के आधार पर चलाए जाएंगे। यह उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय, इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में प्रारंभ होंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रारंभिक तैयारी के बाद यह प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा। जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में पैरामेडिकल के चार पाठ्यक्रम पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए थे, उनका विस्तार किया जा रहा हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कृषि से सम्बंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेंगे।
सभी यूनिवर्सिटी 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर देंगे। प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी किए हैं, लेकिन नैक ग्रेडिंग की आवश्यकता को देखते हुए रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति से प्राध्यापकों की पदपूर्ति भी की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी शासकीय विश्वविद्यालय अकादमिक विस्तार, अधोसंरचना विकास और आत्मनिर्भर बनने के लिए 25 वर्षों की योजना बनाकर कार्य करेंगे, जिसमें प्रत्येक पांच वर्ष के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतिगणों के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की गई। इसमें निर्णय लिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय अधोसंरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य योजना बनाएंगे। विश्वविद्यालय आवश्यक रूप से वर्ष में एक बार पूर्व छात्रों का सम्मेलन आयोजित करेंगे और वार्षिक स्मारिका प्रकाशित करेंगे।
स्टार्टअप पर जोर
मंत्री यादव ने कहा कि 13 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन योजना 2022 का शुभारंभ प्रस्तावित है। सभी शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को यूट्यूब, एनआईसी वेबकास्ट प्रसारण से महाविद्यालय स्तर पर प्रोजेक्टर युक्त हॉल, इंटरनेट की व्यवस्था एवं छात्रों की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब छात्रों को दस्तावेज मिलने में आसानी
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा विद्यार्थियों के समस्त दस्तावेज डिजिलाकर के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजिलाकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजिलाकर की सुविधा से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों को अपने साथ हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजिलाकर के माध्यम से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे।
एनआईआरएफ की रैंकिंग की तैयारी
सभी विश्वविद्यालय नैक और एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए तैयारी करेंगे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर को देश के प्रथम 100 संस्थानों में शामिल कराने हेतु एवं A++ ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन कर गैप एनालिसिस किया गया है। तीन विश्वविद्यालयों में 15 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाये जा रहे है।
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएगे। आगामी सत्र से जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, कृषि पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में चल रहे इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप पर कार्य करने चिन्हित किया गया है। इन केन्द्रों ने 15 नए पेटेंट भी फाइल किए है। विश्वविद्यालयों में कैंपस प्लेसमेंट को अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इस वर्ष देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 1600, विक्रम विश्वविद्यालय में 700 से अधिक, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 147 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ
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