मध्यप्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों के अभियंताओं और कार्मिकों के ‘आत्म-निरीक्षण’ पर केन्द्रित तीन दिवसीय ‘मंथन-2022’ के द्वितीय दिवस पर जबलपुर के तरंग प्रेक्षागृह में प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने अपने प्रेजेन्टेशन में ज्यादा सकल तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (एटीएन्डसी लॉसेस), वार्षिक राजस्व आवश्यकता और राजस्व प्राप्तियों में अंतर, सब्सिडी पर ज्यादा निर्भरता, मिश्रित फीडर, एनर्जी अकाउंटिंग, बिजली चोरी, हुकिंग, मीटरों से छेड़छाड़ और ओवरलोड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों को विद्युत वितरण कंपनियों की वर्तमान चुनौती बताया।
मंथन-2022 के दूसरे दिन प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की सफलताओं, चुनौतियों और भविष्य की कार्य-योजनाओं पर उनके प्रबंध संचालकों और अभियंताओं द्वारा विस्तार से संवाद किया गया।
स्मार्ट मीटर और डीबीटी से सुलझेंगी डिस्ट्रीब्यूशन की समस्याएँ
प्रमुख सचिव श्री दुबे ने कहा कि स्मार्ट मीटर और डीबीटी (सब्सिडी का डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) होने से प्रदेश के डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर की समस्याएँ काफी हद तक सुलझेंगी। उन्होंने प्रदर्शन आधारित फंडिंग, प्रीपेड मीटरिंग, विद्युत आधारित घरेलू उपकरणों का ज्यादा उपयोग और किसानों द्वारा तीसरी फसल लेने को विद्युत कंपनियों के लिए भविष्य की चुनौती बताया।
नए कनेक्शन नियमानुसार सात दिन में दिए जाएँ
प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे ने स्पष्टत: कहा कि नए विद्युत उपभोक्ताओं को नियमानुसार सात दिन के भीतर कनेक्शन त्वरित रूप से दिए जाएँ। उन्होंने कहा कि सटीक मीटरिंग और उपभोक्ता के लिए खपत की एक-एक यूनिट का महत्व है। श्री दुबे ने प्रेजेन्टेशन में विद्युत वितरण कंपनियों का आह्वान किया कि वे उपभोक्ता और ट्रांसफार्मर इंडेक्सनिंग के लक्ष्य को एक्यूरेसी के साथ जल्द अर्जित करें। उन्होंने ओवरलोडेड और खराब ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदलने और उनके स्थान पर उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित करने को कहा। श्री दुबे ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन और कॉल सेंटर की शिकायतों का त्वरित समाधान जरूरी है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग नई चुनौती
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या और उनको लंबे समय तक चार्जिंग करने से बिजली की मांग बढ़ रही है। यह विद्युत वितरण कंपनियों के लिए नई चुनौती है। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में विद्युत अनियमितता के प्रकरण सामने आ रहे हैं, जिन्हें विद्युत वितरण कंपनियों के मैदानी अभियंताओं को नजर रखनी होगी।
पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी श्री विवेक पोरवाल ने किया लक्ष्य का निर्धारण
एमडी श्री विवेक पोरवाल ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लक्ष्य निर्धारित करते हुए कहा कि बुनियाद को सुधारने से स्थिति बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा कि सिस्टम लेबल इम्प्रूव्हमेंट और मानव संसाधन का युक्तियुक्तकरण जरूरी है। मानव संसाधन सिस्टम के सुधार के साथ इसे पारदर्शी भी बनाना होगा। श्री पोरवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश का कॉस्ट इफेक्टिव टेरिफ देश का श्रेष्ठ टेरिफ है।
विद्युत वितरण कंपनियों के एमडी ने सफलता और चुनौतियों को पेश किया
पूर्व क्षेत्र कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अनय द्विवेदी ने अपने प्रेजेन्टेशन में नए कनेक्शनों, जीआईएस का उपयोग, ट्रांसफार्मर सुधार प्रक्रिया को कंपनी की सफलता बताया। उन्होंने शत-प्रतिशत मीटरिंग को भविष्य की चुनौती बताया। मध्य क्षेत्र कंपनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने ई-ऑफिस को उपलब्धि और प्रीपेड मीटरिंग को भविष्य की चुनौती निरूपित किया। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अमित तोमर ने उपभोक्ता विषयक कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को कंपनी की सफलता और कृषि पम्पों की इंडेक्सनिंग करने को भविष्य की चुनौती बताया।
मैदानी अभियंताओं ने साझा किए अनुभव
इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष श्री रेजी पिल्लई ने प्रेजेन्टेशन में कहा कि ओडिसा की तरह सभी प्रकार की हानियों को नियंत्रित कर के विद्युत वितरण कंपनियाँ लाभ में आ सकती हैं। वर्तमान समय की माँग है कि नई तकनीक जैसे स्मार्ट ग्रिड और स्मार्ट मीटर का उपयोग किया जाए। अलफ्रेड मनोहर ने मीटररिंग और बिलिंग पर प्रेजेन्टेशन दिया। कटनी के अधीक्षण अभियंता श्री संजय अरोरा, मध्यक्षेत्र कंपनी के महाप्रबंधक श्री आर.एन.एस. ठाकुर और पश्चिम क्षेत्र कंपनी के अधीक्षण अभियंता श्री अनिल नेगी ने मैदानी क्षेत्र के अपने अनुभवों से मंथन के प्रतिभागियों को अवगत कराया।
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