पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र का गुरूवार को दूसरा और अंतिम दिन होगा। इसमें पंजाब सरकार केंद्रीय कृषि सुधार कानून रद्द करने का प्रस्ताव लाएगी। इसी में 2013 में अकाली-भाजपा सरकार के बनाए पंजाब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को भी रद्द किया जाएगा। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने बुधवार को ही इसके बारे में ट्वीट कर सरकार को याद दिलाई। BSF के अधिकार क्षेत्र को 15 से 50 किमी बढ़ाने के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव लाया जाएगा। पंजाब सरकार इसके खिलाफ सर्वदलीय मीटिंग भी कर चुकी है। इसलिए अब प्रस्ताव पास करके गवर्नर के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इसी मुद्दे को लेकर खास तौर पर यह सेशन बुलाया गया था।
बिजली समझौता ट्रिब्यूनल में
बिजली समझौते रद्द करने के बारे में भी प्रस्ताव आ सकता है। सिद्धू लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। हालांकि बिजली समझौतों का मुद्दा इस वक्त बिजली ट्रिब्यूनल में भी जा चुका है। ऐसे में सरकार यह कदम उठाती है या नहीं, देखना दिलचस्प रहेगा। सबसे बड़ा प्रस्ताव कर्मचारियों को पक्का करने का होगा। पिछली कैबिनेट में सरकार इसे मंजूरी दे चुकी है, जिसमें 36 हजार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का किया जा रहा है। हालांकि वे कौन-कौन से कर्मचारी होंगे, इस पर सबकी नजर है। पंजाब में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारी ज्यादा हैं। ऐसे में इसका ब्यौरा मिलने के बाद बवाल बढ़ सकता है।
कैप्टन के वक्त संशोधित किया गया था कृषि कानून
कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के वक्त कृषि कानून में संशोधन किया गया था। इसे अब सिरे से रद्द किया जाएगा। इसका एजेंडा मौके पर ही लाया जाएगा। हालांकि यह भी चर्चा है कि केंद्र की संसद की तरफ से पास किए कानूनों को चाहे विधानसभा रद्द भी कर दे, लेकिन यह लागू ही रहते हैं। इसी वजह से पहले इन्हें रद्द नहीं किया गया था। कैप्टन सरकार के भेजे प्रस्ताव को गवर्नर के पास भेजा गया था।
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