Thursday, 22nd May 2025

अमेरिका के लिए पहेली बना चीन:चीनी जासूसों ने अमेरिका में बनाई पैठ, लेकिन CIA अब भी चीन के राज जानने में लाचार

Thu, Nov 11, 2021 5:00 PM

अमेरिकी जासूसी एजेंसियाें के लिए चीन हार्ड टारेगट बन गया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पैंतरों को भेद पाने में अमेरिकी एजेंसियां नाकाम साबित हो रही हैं। अमरीकी खुफिया एजेंसी (CIA) भी लाचार नजर आ रही है। जबकि चीनी जासूसों ने अमेरिका पर अपनी पैठ बनाई हुई है। एक टॉप सीक्रेट अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए चीन पहेली बन गया है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के अनुसार चीन ने लगभग दो दशक के दौरान ऐसा आयरन कर्टन (लौह आवरण) विकसित किया है कि अमेरिका इसे भेद नहीं कर पा रहा। बोल्टन कहते हैं कि जासूसी में अमेरिका अब काफी हद तक साइबर और एआई पर ही निर्भर रह गया है। मानवीय इनपुट कम हो गया है। चीन में अमेरिकी जासूस बेहद कम बचे हैं।

5 मामले जहां अमेरिका की नाकामी दिखी

चीन का हॉन्गकॉन्ग पर नियंत्रण: चीन ने हॉन्गकॉन्ग पर अपनी पकड़ बेहद मजबूत कर ली है। अमेरिका, चीन के इस कदम के बारे में अंदाजा भी नहीं लगा सका।
दक्षिण चीन सागर: चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति को कई गुना बढ़ा लिया है। चीन इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेशों की भी सरेआम अवहेलना कर रहा है।
कोरोना की उत्पत्ति: कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में राष्ट्रपति बाइडेन ने जासूसी एजेंसियों को काम पर लगाया, लेकिन उन्हें अभी तक पुख्ता जानकारी नहीं मिली।
चीनी कंपनियां: अमेरिका में अंडरकट चीन कंपनियों पर रोक नहीं लग पाई है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा। चीन आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा।

साइबर हमले
चीनी सरकार समर्थित हैकरों के साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर इन हमलों पर प्रभावी रोक नहींं लग पा रही है। चीनी हैकर अमेरिकी रक्षा और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर अक्सर साइबर हमले करते रहते हैं। अमेरिका इसका तोड़ नहीं निकाल पा रहा है।

चीनी बोलने वाले जासूस कम
खुफिया रिपोर्ट में सामने आया कि अमेरिका के पास चीनी भाषा (मंदारिन) बोलने वाले जासूसों की कमी है। ऐसे में अमेरिकी जासूसों का दायरा सीमित हो जाता है। सत्ता के गलियारों में भी अमेरिकी जासूस अहम सूचनाएं नही जुटा पाते हैं।

चीन मिशन सेंटर बनाना पड़ा
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के पिछड़ने के कारण अमेरिका को चीन मिशन सेंटर बनाना पड़ा है। सीआईए के निदेशक बिल बर्न्स का कहना है कि मिशन का उद्देश्य खुफिया सूचनाओं को बीजिंग से तुरंत पहुंचाना है। जिससे तुरंत निर्णय कर सके।

2017 में कई जासूसों का सफाया
चीन में 2017 में काउंटर इंटेलिजेंस अभियान के दौरान कई अमेरिकी जासूसों का सफाया किया गया। चीनी सरकार ने कई जासूसों को मौत की सजा दी, तो कइयों को गायब करा दिया। कई अमेरिकी जासूस चीन की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं। राष्ट्रपति जिनपिंग ने अमेरिकी जासूसों पर कड़ाई के आदेश दिए हैं।

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