पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयर बेस पर बुधवार को राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन की तैनाती की गई। एयरफोर्स की ईस्टर्न कमांड के 101 स्क्वाड्रन में 6 राफेल विमानों को शामिल करने के साथ ही देश की पूर्वी सीमा पर पुख्ता निगरानी का इंतजाम हो सकेगा। यहां से चीन सीमा पर भी पैनी नजर रखी जा सकेगी। स्क्वाड्रन में राफेल की तैनाती के मौके पर फाइटर जेट को वॉटर कैनन सैल्यूट भी दिया गया।
पूर्वी सीमा पर एयरफोर्स को मजबूती मिलेगी
राफेल की स्क्वाड्रन को ऑपरेशनल करने के मौके पर एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया भी हासीमारा पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हासीमारा में राफेल को तैनात करने का फैसला बेहद सावधानी से लिया गया है। देश की पूर्वी सीमा पर एयरफोर्स की ताकत को बढ़ाने में राफेल अहम भूमिका निभाएगा।
पाकिस्तान से जंग में शामिल रही 101 स्क्वाड्रन
एयरफोर्स की 101 स्क्वाड्रन का गठन 1 मई 1949 को पालम में किया गया था। इस स्क्वाड्रन ने हॉर्वर्ड, सेप्टिफायर, वैम्पायर, एसयू-7 और मिग-21 एम जैसे विमान ऑपरेट किए हैं। इस स्क्वाड्रन ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात
पहली राफेल स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन पर मौजूद है। एक स्क्वाड्रन मे 18 विमान होते हैं। अंबाला में तैनात पहली राफेल स्कॉड्रन ने पूर्वी लद्दाख में चीन से लगे बॉडर्स पर पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है। पहली स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी। दूसरी स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी।
कोरोना के चलते लाने की प्रक्रिया लेट
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बाद राफेल विमानों के लाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो गई है। क्योंकि भारत से फ्रांस के लिए रवानों होने से पहले भारतीय पायलटों को क्वारेंटाइन के साथ-साथ और भी कई सावधानियों से गुजरना पड़ता है।
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