ओलिंपिक गेम्स के टेबल टेनिस स्पोर्ट्स के मिक्स्ड डबल्स इवेंट में चीनी टीम को हार झेलनी पड़ी। जापान के जुन मिजुतानी और मीमा इटो ने फाइनल में चीन के जू जिन और लियू शिवेन को हराया। यह 2004 के बाद पहली बार है जब टेबल टेनिस के किसी भी इवेंट में चीन के अलावा कोई दूसरा देश गोल्ड मेडल जीत सका है।
2004 में मेंस सिंगल्स में साउथ कोरिया के रियू सिउंग मिन ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से पुरुष और महिला सिंगल्स, मेंस डबल्स, विमेंस डबल्स, मेंस टीम और विमेंस टीम इवेंट में सिर्फ चीन की ही बादशाहत रही है। पिछले 17 साल से इन सभी इवेंट्स में चीन ने गोल्ड जीते हैं। टेबल टेनिस में मिक्स्ड डबल्स की शुरुआत इसी ओलिंपिक से हुई है।
1988 में पहली बार टेबल टेनिस को ओलिंपिक में शामिल किया गया था। तब से लेकर अब तक चीन ने इस स्पोर्ट्स में 28 गोल्ड, 18 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज समेत कुल 54 मेडल जीते हैं। दूसरे नंबर पर साउथ कोरिया है। उसने 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज समेत सिर्फ 18 मेडल जीते हैं।
चीन में ओलंपिक गेम्स को कितनी गंभीरता से लिया जाता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मिक्स्ड डबल्स में गोल्ड से चूकने के बाद जू जिन और लियू शिवेन रो पड़े। उन्होंने सिल्वर मेडल जीत पाने के लिए फैंस से माफी भी मांगी। मेडल पोडियम पर जाते वक्त भी यह खिलाड़ी इमोशनल हो गए थे।
टेबल टेनिस और डाइविंग जैसे स्पोर्ट्स में चीन का हमेशा से दबदबा रहा है। इन स्पोर्ट्स में चीन से हमेशा गोल्ड मेडल की उम्मीद होती है। इन खेलों में चीन के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिल्वर को भी असफलता के तौर पर देखा जाता है।
30 साल की चीनी एथलीट लियू ने स्टेट ब्रॉडकास्टर CCTV से बातचीत में कहा कि मैंने एक तरह से अपनी टीम को फेल किया। मैं सभी एथलीट और अपने देश से माफी मांगना चाहती हूं। इसके बाद लियू और उनके साथी जिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी देश से माफी मांगी। हालांकि, चीन के फैंस की ओर से इन दोनों को सांत्वना दिया जा रहा है। फैंस ने कहा कि आप दोनों ने अपना बेस्ट दिया। आपके जज्बे को सलाम।
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