Thursday, 22nd May 2025

Black Fungus in Bhopal: नहीं थम रहा म्यूकरमाइकोसिस का प्रकोप, मरीजों में दूसरी-तीसरी बार संक्रमण उभरने के मामले आने लगे सामने

Tue, Jul 27, 2021 4:00 PM

Black Fungus in Bhopal: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। नोएडा के रहने वाले 60 साल के एक व्यक्ति को फंगस होने पर सबसे पहले उन्होंने ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में सायनस की सर्जरी कराई। इसके करीब एक महीने बाद फिर सायनस और आंख में संक्रमण बढ़ा तो उन्होंने दिल्ली में फोर्टिस अस्पताल में मैक्जिला (चेहरे की हड्डी) का ऑपरेशन कराया। तीसरी बार फिर आंख में संक्रमण बढ़ने लगा तो उन्होंने नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी दुबे से इलाज कराया। वह ढाई महीने बाद अब स्वस्थ हैं। यह तो एक मामला है। हमीदिया अस्‍पताल में में भी इक्का-दुक्का ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनका संक्रमण तीसरी बार बढ़ा है।
अस्पतालों में दोबारा भर्ती होने वालों की संख्या तो कुल मरीजों की एक तिहाई तक पहुच गई है। इनमें ज्यादातर मरीज तो ऐसे हैं, जो एक बार ठीक होने के एक से दो महीने बाद दूसरी बार भर्ती हुए हैं। दोबारा संक्रमण बढ़ने की वजह यह है कि उन्हें जरूरत के लिहाज से इंजेक्शन व दवाएं नहीं मिल पाईं, जिससे संक्रमण पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ। हमीदिया अस्पताल की नाक, कान एवं गला रोग विभाग की एचओडी डॉ. स्मिता सोनी ने कहा कि इस समय मरीजों के तालू और जबड़े में ज्यादा संक्रमण देखने को मिल रहा है। एक माह पहले तक भी दोबारा संक्रमित होकर लोग अस्पताल पहुंच रहे थे, लेकिन आंकड़ा करीब 10 फीसद ही था। अब तो 30 से 40 फीसद मरीज दोबारा संक्रमित होकर पहुंच रहे हैं।
 
दवाएं और इंजेक्शन नहीं मिलने से हो रही दिक्कत

नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी दुबे ने बताया कि मरीजों में फंगस का संक्रमण दोबारा बढ़ने की वजह यह है कि उन्हें इसके इलाज के लिए जरूरी लाइपोसोमल एंफोटेरिसन बी इंजेक्शन पर्याप्त नहीं लग पाए। एक मरीज को हर दिन चार से छह इंजेक्शन की जरूरत उसके वजन के अनुसार पड़ती है। कुछ ऐसे भी मरीज रहे हैं, जिन्हें तीन या चार दिन में एक इंजेक्शन ही मिला है।

 
दूसरी दिक्कत यह रही कि एक इंजेक्शन करीब 7000 रुपए में आता है। ऐसे में कुछ मरीज आर्थिक तंगी की वजह से पूरे इंजेक्शन नहीं खरीद पाए। पूरे डोज लेने पर करीब ढाई लाख रुपए का खर्च है। हमीदिया अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ. अनुज भार्गव ने बताया कि अभी तक में 40 मरीजों की जबड़े और तालू की सर्जरी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पहले जो मरीज आ रहे थे उनकी आंख और सायनस में संक्रमण मिल रहा था, लेकिन दोबारा आने वाले मरीजों तालू में संक्रमण मिल रहा है।
हमीदिया अस्पताल में भर्ती फंगस के मरीज- 39

एम्स में भर्ती मरीज--22

दूसरी और तीसरी बार बढ़ी हुई तकलीफ लेकर मरीज आ रहे हैं, लेकिन इसे यह नहीं कह सकते कि दोबारा संक्रमण हो रहा है। पर्याप्त इंजेक्शन नहीं मिलने, अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मरीज द्वारा दवा बंद करने और शुगर का स्तर बढ़ने की वजह से संक्रमण फिर से बढ़ जाता है। इसकी वजह यह भी है कि खराब टिश्यू निकालने के बाद भी कुछ हिस्सा बच जाता है। ब्लड में भी बीमारी रहती है। जैसे ही दवा का डोज या प्रतिरोधक क्षमता कम होती है बीमारी बढ़ने लगती है।

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