Friday, 23rd May 2025

नौकरी के नाम पर ठगी:KYC अपडेट कराने का झांसा देकर इंजीनियर ने भोपाल के कारोबारी से 10 लाख रुपए ऐंठे, पटना से पकड़ाया

Sun, Jul 25, 2021 12:39 AM

KYC (नो योर कस्टमर) फॉर्म अपडेट कराने का झांसा देकर भोपाल के कारोबारी से 10 लाख रुपए की ठगी करने वाले इंजीनियर को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया है। इंजीनियर की राज्य साइबर पुलिस को डेढ़ साल से तलाश थी। उसने करीब 300 बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर उनका डेटा बुलवाया। इसी के आधार पर बैंक खाते खुलवा लिए। बाद में इन खातों में से कुछ को डार्कनेट, टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर बेच दिया।

इनका आईडी-पासवर्ड अपने पास भी रखा। KYC अपडेट कराने के बहाने की गई ठगी की रकम को इन्हीं खातों में घुमाकर एटीएम से निकाल लेता था। उसे पता था, इतने बैंक खातों में घुसने की जहमत पुलिस नहीं ही उठाएगी। अब तक कुछ खातों की ही पड़ताल में 23 लाख का ट्रांजेक्शन सामने आया है। एएसपी राज्य सायबर पुलिस वैभव श्रीवास्तव ने बताया, जालसाज अनूप चौबे है, जो मूलत: पलामू, झारखंड का रहने वाला है। वह बीटेक पास है।

इन दिनों वह पटना से ऑपरेट कर रहा था। फरवरी 2020 में उसने भोपाल के कारोबारी को बीएसएनएल का अधिकारी बनकर कॉल किया था। उन्हें कहा कि आपका सिम ब्लॉक न हो, इसलिए केवाईसी अपडेट करना होगा। इस दौरान उसने कारोबारी से एनी डेस्क या क्विट सपोर्ट जैसी मोबाइल कंट्रोलिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करवा दी। फिर 10 रुपए का ऑनलाइन रिचार्ज करने के लिए कहकर उनके ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की गोपनीय जानकारी हासिल कर ली। बाद में कारोबारी के खाते से 9,99,010 रुपए निकाल लिए, तभी से पुलिस को अनूप की तलाश थी।

ब्रेनट्री कंपनी बनाकर लिया बेरोजगारों का डेटा

अनूप ने कारोबारी से ठगी के महीनेभर पहले ब्रेन ट्री नाम से एक कंपनी बनाई थी। दावा था कि ये कंपनी बेरोजगारों को नौकरी देगी। फिर जॉब प्रोवाइडर कंपनी पर इसे रजिस्टर्ड करवाकर करीब 300 बेरोजगारों का डेटा हासिल कर लिया। फिर इन्हीं दस्तावेजों की मदद से बैंक खाते खुलवा लिए। इनमें से कुछ को अलग-अलग रेट लेकर डार्कनेट पर बेच दिए। खरीदार भी इन बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम को घुमाने में ही करते थे। ऐसे ही 40 बैंक खातों में उसने भोपाल के कारोबारी से ठगे गए 10 लाख रुपए को घुमाया, ताकि पुलिस चकरघिन्नी बनी रहे।

वॉलेट हासिल करने के लिए रिक्शेवाले का केवाईसी लगाकर बन गया हैदराबाद की ट्रैवल कंपनी का एजेंट

डीएसपी ऋचा जैन ने बताया, अनूप ने लखनऊ के एक रिक्शेवाले से दस्तावेज ले लिए थे। इन्हीं दस्तावेजों को आधार वह हैदराबाद की ट्रैवल कंपनी का एजेंट बन गया। इस कंपनी के देशभर में 50 हजार से ज्यादा एजेंट हैं। एजेंट बनने का मकसद ये था कि कंपनी बड़े ट्रांजेक्शन के लिए हर एजेंट को एक वॉलेट देती है। साथ ही, कस्टमर को कैशबैक देने के अधिकार भी एजेंट को मिल जाते हैं। अनूप कस्टमर को मिलने वाले कैशबैक को भी बेरोजगारों के नाम से खुले बैंक खातों में घुमा देता था। बाद में इस रकम को भी एटीएम के जरिए निकाल लेता था। अब तक पुलिस को कुछ खातों की पड़ताल में ही 23 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन का पता चला है।

और भी हैं जालसाज के मददगार

पुलिस को यकीन है कि अनूप चौबे इतनी बड़ी गड़बड़ी अकेले नहीं कर सकता है। उसके और भी कई मददगार होंगे। बेरोजगारों के नाम-पते से खुले बैंक खातों में मोबाइल नंबर भी उसे किसी ने दिलवाए हैं। ये सिमकार्ड भी फर्जी नाम-पते से लिए गए थे। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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