Thursday, 22nd May 2025

ब्लैक फंगस पीड़ितों की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी:भोपाल के हमीदिया में पैर की हड्‌डी से बनाएंगे जबड़ा, चेहरे की विकृति दूर होने के साथ ही दूसरे अंग करेंगे काम

Sun, Jul 25, 2021 12:36 AM

कोरोना संक्रमण के बाद कई मरीजों को ब्लैक फंगस के कारण सर्जरी के बाद अपने अंग गंवाने पड़े थे। ऐसे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल के बर्न एडं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में ऐसे मरीजों की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जाएगी। जिन मरीजों का जबड़ा ब्लैक फंगस के ऑपरेशन निकाल दिया गया था, अब उनके लिए पैर की हड्‌डी से नया जबड़ा बनाया जाएगा। इससे चेहरे की विकृति दूरी होगी और तो और वह जबड़ा भी काम करेगा। हमीदिया अस्पताल में फंगस निकालने के लिए 50 से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन किए गए थे। अब ऐसे मरीजों को फायदा होगा। रविवार को छोड़कर हर दिन सर्जरी होगी।

हमीदिया अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में आई विभाग और ईएनटी विभाग की ओपीडी से ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों के नाक के नीचे के मांस, गाल का मांस, तालू का हिस्सा, नाक के आसपास की चमड़ी और आंख के पास का मांस फंगस को दूर करने के लिए निकाला गया है। यह मरीज ब्लैक फंगस से ठीक हो रहे हैं, लेकिन सर्जरी से चेहरे की विकृति के साथ ही कुछ के तालू निकालने से खाना खाने के साथ ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसे मरीजों के सर्जरी के बाद निकाला मांस, चमड़ी और जबड़े की हड्‌डी को दोबारा लगाने के लिए बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग भेजा जा रहा है। यहां इन मरीजों के रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी करने से पहले जांच की जा रही है।

इस संबंध में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डेजिगनेटेड प्रोफेसर डॉक्टर आनंद गौतम ने बताया कि विभाग में दो से तीन ब्लैक फंगस की सर्जरी के बाद चेहरे की विकृति के मरीज आए हैं। उनकी प्लास्टिक सर्जरी से पहले जरूरी जांच की जा रही है। ऐसे मरीजों की रविवार को छोड़कर बाकी सभी दिन सर्जरी की जाएगी।

ऐसे होगी रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी

जबड़ा- डॉक्टर गौतम ने बताया कि जिन मरीजों की जबड़े की हड्‌डी निकाली गई है, उनके पैर की हड्‌डी (फ्यूबुला) से जबड़े की हड्‌डी बना कर लगाई जाती हैं।

आंख- जिन लोगों की आंख निकाली गई है, उस जगह नकली आंख लगाने के लिए भी शॉकिट बनाया जाता है।

स्किन- जिन मरीजों की स्किन निकाली गई, उनके पैर या हाथ की स्किन निकाल कर लगाई जाती है।

मांस- इसके अलावा फंगस के चलते जिनका मांस निकाल कर अलग किया गया है, उनका गर्दन के आसपास, छाती या शरीर के दूसरे हिस्से से मांस निकाल कर लगाया जाता है।

जरूरतमंद यहां कर सकते हैं संपर्क

डॉ. गौतम ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीज जिनको रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जरूरत है। वह हमीदिया की कमला नेहरू बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर सुबह साढ़े आठ बजे से डेढ़ बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

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