भोपाल के एक व्यक्ति ने अपने बेटे के साथ मिलकर कर्जदारों से पीछा छुड़ाने के लिए लूट की कहानी गढ़ी। पुलिस को भरोसा दिलाने के लिए उसने गवाह भी तैयार कर लिए, लेकिन उसका यह झूठ 10 घंटे में सबके सामने आ गया। पिता की कहानी से बेटे के बयान मेल नहीं खाए। पुलिस ने वारदात का खुलासा कर दिया। गवाह और कहानी बहुत कुछ फिल्म 'दृश्यम' की तरह थे, लेकिन बेटे के बयान अलग होने से मामले का खुलासा हो गया।
एएसपी दिनेश कौशल ने बताया, विदिशा के शमशाबाद में रहने वाले परमानंद मीणा (50) पिता नेताराम मीणा ने बुधवार रात उनके साथ लूट की रिपोर्ट की थी। उन्होंने बताया था, वह करीब एक लाख रुपए लेकर मंगलवार शाम वह बाइक से घर जा रहा था। अभी वह बरखेड़ी देव ग्यारह मील जोड़ के पास पहुंचे ही थे, तभी सिलेटी रंग की अल्टो कार के चालक व उसके दो साथियों ने उन पर हमला कर दिया। वह मारपीट कर उनसे 1 लाख 5 हजार रुपए लेकर भाग गए। दूसरे दिन उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुष्टि करने गवाह भी तैयार थे
परमानंद ने बताया, उन्होंने अपने गांव निपानिया चेतन की 11 बिस्वा जमीन जयनारायण मीणा के नाम रजिस्ट्री करवाई थी। इसके लिए उन्हें 1 लाख 25 रुपए मिले। उसमें से उसने 20 हजार रुपए भगवान सिंह से लिया कर्ज चुका दिया।
इस तरह पकड़ा झूठ
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