Friday, 23rd May 2025

सबसे सस्ती बिजली बनेगी आगर में:550 मेगावाट सोलर परियोजना की दो यूनिटों के लिए दो कंपनियाें का सलेक्शन; 2.45 रुपए प्रति यूनिट पड़ेगी बिजली, MP के इतिहास में सबसे सस्ती बिजली

Thu, Jul 15, 2021 3:54 PM

सोलर से भी अब सस्ती बिजली बनेगी। रीवा के बाद आगर में प्रस्तावित 550 मेगावाट सोलर परियोजना के लिए 12 कंपनियों में दो को चयनित किया गया है। 275-275 की दोनों यूनिटों के लिए दो कंपनियों में 2.44 और 2.45 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराने का ऑफर दिया है। ये सबसे सस्ती दर है। रीवा में सोलर से पैदा हो रही बिजली 2.97 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है।

मप्र में अभी बिजली के लिए जल विद्युत परियोजना, कोयला आधारित पावर प्लांट पर ही अधिक निर्भर रहना पड़ता था। पवन और सोलर एनर्जी की नाममात्र भागीदारी थी, लेकिन इसकी बिजली महंगी पड़ती थी। पावर मैनेजमेंट अभी जो बिजली खरीदता है, उसमें सबसे सस्ती बिजली जल विद्युत वाली इकाइयों इयों से मिलती है। पर उसमें भी मुश्किल ये है कि बांधों को सिंचाई और पेयजल के लिए अधिक इस्तेमाल के चलते बिजली इकाइयों को अमूमन साल में तीन से चार महीने ही चला पाते हैं। पर सोलर के रूप में अब तीसरा बड़ा विकल्प मिला है। सोलर प्लांट से मिलने वाली सस्ती बिजली का फायदा आने वाले समय में प्रदेश के आम लोगों को भी मिलेगा।

सस्ती सोलर बिजली बनाने वाली दो कंपनियों का हुआ चयन
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मुताबिक आगर में स्थापित हो रही 275-275 की दोनों सोलर यूनिटों के लिए बीमपाव एनर्जी प्रायवेट लिमिटेड ने 2.444 रुपए प्रति यूनिट और अवाडा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने 2.459 रुपए प्रति यूनिट का न्यूनतम ऑफर दिया था। बोली में शामिल 12 कंपनियों में उक्त दोनों कंपनियों का रेट सबसे कम था। दोनों यूनिटों के लिए रिवर्स बिड 2.73 रुपए प्रति यूनिट के बेस टैरिफ से प्रारंभ हुई थी। एमपी के इतिहास में यह सबसे सस्ती सोलर बिजली होगी।

रीवा में स्थापित सोलर पार्क।
रीवा में स्थापित सोलर पार्क।

रीवा परियोजना को मिला था न्यूनतम 2.97 रुपए का टैरिफ
एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक रीवा सौर परियोजना की तीनों 250-250 यूनिटों के लिए न्यूनतम सोलर टैरिफ 2.97 रुपए प्राप्त हुआ था। यह परियोजना 3 जनवरी, 2020 से पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन कर रही है। इसी की बिजली से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन संचालित हो रही है। पीएम मोदी ने ठीक एक वर्ष पहले 10 जुलाई, 2020 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। अब आगर में 550 मेगावाट के सोलर बिजली बनाने के लिए कंपनियों का चयन किया गया है।

नियामक आयोग की देख रेख में हुई बोली की पूरी प्रकिया
मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष एसपीएस परिहार, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा संजय दुबे, एमडी ऊर्जा विकास निगम एवं सीईओ रम्स दीपक सक्सेना और आयोग के सचिव शैलेन्द्र सक्सेना की उपस्थिति में पूरी बोली की प्रक्रिया सम्पन्न हुई। इस परियोजना पर 1950 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इसे मार्च 2023 तक पूर्ण करते हुए बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। सोलर प्लांट लगाने के दौरान जहां 5500 वहीं संचालन में 500 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा।

12 कंपनियों ने बोली में लिया था हिस्सा
आगर में स्थापित होने वाली 550 मेगावाट सोलर प्लांट के लिए 26 जनवरी को निविदा आमंत्रित की थी। निर्धारित विभिन्न अनुमोदनों और अनुमतियों के बाद आगर सौर पार्क के लिए निविदा की अंतिम तारीख 21 जून, 2021 तक 3 अंतरराष्ट्रीय, 9 राष्ट्रीय और 3 सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों ने भाग लिया। इनमें से न्यूनतम टैरिफ के आधार पर चुनी गई 12 कम्पनियों में टाटा पावर, रि-न्यू पावर, बीमपाव एनर्जी, एनटीपीसी, अयान, रिन्यूएबल पावर, टोरेंट पावर, एसजेवीएन लिमिटेड, अज्यूर पावर, अल्जोमेह एनर्जी, एक्मे सोलर, स्प्रिंग ग्रीन और अवाडा एनर्जी ने रिवर्स ऑक्शन में भाग लिया था।

शाजापुर पार्क के लिए रिवर्स बिडिंग 19 जुलाई को
सीईओ रम्स दीपक सक्सेना के मुताबिक जल्द ही 450 मेगावाट वाले शाजापुर सौर पार्क के लिए भी 19 जुलाई को रिवर्स बोली लगेगी। इसके लिए 15 कंपिनयों को शार्टलिस्ट किया गया है। वहीं नीमच में स्थापित होने वाले 500 मेगावाट के सोलर एनर्जी के लिए 15 जुलाई तक प्रस्ताव प्राप्त करने की आखिरी तारीख है।

1500 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने की चल रही तैयारी
रम्स (रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड) का गठन जुलाई-2015 में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया की संयुक्त उपक्रम कम्पनी के रूप में हुआ था। रम्स द्वारा स्थापित रीवा सौर परियोजना के बाद अब एमपी में आगर 550 मेगावाट, शाजापुर 450 मेगावाट और नीमच 500 मेगावाट कुल 1500 मेगावाट की सौर परियोजनाओं का विकास किया जा रहा है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery