राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। दो साल पहले तैयार हुए ऑडिटोरियम की लिफ्ट खराब थी, जिसके चलते 77 साल के मंगूभाई पटेल को सीढ़ियों से चढ़कर जाना पड़ा। इतना ही नहीं, ऑडिटोरियम के एसी प्लांट को कार्यक्रम से पहले आधी रात को सुधारा गया। वह भी पूरी तरह से काम नहीं कर रहा था, लेकिन हॉल का तापमान 23-24 डिग्री तक आ गया था।
राजभवन सूत्रों ने बताया कि नव नियुक्त राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह तय होने के बाद जब PWD के सीनियर इंजीनियर व्यवस्थाएं चेक करने पहुंचे तो पता चला कि जिस ऑडिटोरियम में कार्यक्रम होना है, उसकी लिफ्ट खराब है। एसी प्लांट बंद पड़ा है। यह स्थिति तब है, जब PWD के विद्युत सेक्शन के SDO और सब इंजीनियर की राजभवन में तैनाती है। लिफ्ट खराब होने और एसी प्लांट बंद होने की जानकारी राजभवन ने विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और ईएनसी (इंजीनयर-इन-चीफ) अखिलेश अग्रवाल को दी।
इसके बाद लिफ्ट स्टॉल करने वाली कंपनी के इंजीनियरों को बुलाया गया। दूसरी तरफ PWD के इंजीनियरों ने एसी प्लांट को सुधारने के काम बुधवार देर शाम शुरू किया। पता चला है कि प्लांट के बेल्ट टूटे थे, जिसे आधी रात तक बदला गया। जब टेस्टिंग की गई तो ऑडिटोरियम का तापमान सामान्य हो गया था। कोरोना प्राेटोकॉल के तहत यहां करीब 100 लोग ही मौजूद रहे, इसलिए लापरवाही पर पर्दा पड़ा रहा। बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे।
लिफ्ट बंद होने की जानकारी राज्यपाल को प्रमुख सचिव ने दी
सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से कुछ देर पहले ऑडिटोरियम की लिफ्ट खराब होने की जानकारी राज्यपाल को प्रमुख सचिव डीपी आहूजा ने दी। उन्हें बताया गया कि लिफ्ट खराब होने के कारण ऑडिटाेरियम में सीढ़ियों से जाना पड़ेगा, जिस पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं।
जिनके जिम्मे राजभवन, उन्हें 4 महीने पहले CM हाउस से हटाया गया था
सूत्रों के मुताबिक राजभवन में मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एसडीओ दिनेश कुशवाहा और सब इंजीनियर हेमंत झारिया के पास थी। बताया जाता है कि दोनों इंजीनियर सीएम हाउस में भी तैनात थे। एसडीओ कुशवाहा को लापरवाही के चलते यहां से हटा दिया गया था। उनके स्थान पर एएस चौहान को SDO बनाया गया। कुशवाहा ने चार्ज नहीं छोड़ा।
उपयंत्री भी बिना आदेश राजभवन में
उपयंत्री हेमंत झारियां को लापरवाही और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों के चलते मुख्यमंत्री निवास से बाहर किया गया था। उपयंत्री का राजभवन से भी तबादला किया जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद राजभवन का काम झारियां द्वारा देखा जा रहा है। उनके तबादले के बाद उपयंत्री मीताली को तैनात किया जा चुका है।
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