Thursday, 22nd May 2025

कोविड अस्पताल में हादसे की आंखों देखी:मरीज आग से मर रहे थे, नर्सें तमाशा देख रही थीं; लाखों का बिल बनाते हैं, लेकिन फायर स्प्रिंकलर तक नहीं था

Fri, Apr 23, 2021 5:36 PM

महाराष्ट्र के विरार वेस्ट में स्थित विजय वल्लभ हॉस्पिटल के सैकंड फ्लोर पर बने ICU में लगे AC में शुक्रवार तड़के करीब 3.30 बजे धमाका होता है। इससे निकलने वाली चिंगारी ICU में गिरती है और थोड़ी देर बाद पूरे वार्ड में आग फैल जाती है। मरीजों के परिजन का आरोप है कि आग लगने के दौरान ICU में न नर्स थी और न ही कोई डॉक्टर। जब तक उन्हें इसकी जानकारी हुई, पूरे वार्ड में धुंआ फैल गया था। हादसे के वक्त ICU में 15 मरीज वेंटिलेटर पर थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- ICU में फायर स्प्रिंकलर तक नहीं था
एक चश्मदीद अविनाश पाटिल ने बताया कि ICU में एडमिट एक मरीज का 3 से 4 लाख तक का बिल बनता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता। यहां पर फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं थे। अगर ICU में फायर स्प्रिंकलर होता तो आग पर तुरंत काबू पा लिया जाता और इतनी बड़ी घटना नहीं होती।

नर्सें बाहर तमाशा देख रहीं थीं, अंदर 9 मरीजों की मौत हो चुकी थी
अविनाश ने बताया कि आग लगने के बाद ICU के बाहर सिर्फ 3 नर्सें मौजूद थीं और कोई भी डॉक्टर नहीं था। नर्सें खड़ी होकर तमाशा देख रही थीं। अविनाश आगे बताते हैं, 'कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाना शुरू किया। 4 बजे के आसपास धुंआ थोड़ा कम हुआ तो मैं कुछ दूसरे लोगों के साथ सिर नीचे कर किसी तरह अंदर घुसा। अंदर जाकर देखा कि 9 लोग बेड पर दम तोड़ चुके थे और जो तड़प रहे थे, उन्हें किसी तरह हमने मिलकर बाहर निकाला। उनमें से भी कई ने 5 बजे के आसपास दम तोड़ दिया। जो बचे हैं उनकी भी हालत गंभीर बनी हुई है। उनका भी बचना मुश्किल लग रहा था।'

अनिवाश ने आगे बताया, 'मुझे मेरे दोस्त ने रात सवा 3 बजे फोन कर हॉस्पिटल जाने के लिए कहा। मैं कुछ ही देर में यहां पहुंच गया और दौड़कर हॉस्पिटल के सैकंड फ्लोर पर बने ICU के बाहर पहुंचा। ICU का दरवाजा खुला था, लेकिन उसके अंदर से धुंआ निकल रहा था। मैंने अंदर घुसने की कोशिश की, लेकिन धुएं की वजह से तुरंत अंदर जाना संभव नहीं हो पाया।'

4 मरीजों के बाहर निकालने के बाद आग की जानकारी मिली
पालघर के जिलाधिकारी मानिक राव ने बताया कि ICU में कुल 16-17 मरीज थे। जिसमें से 4 आग लगने के बाद खुद ही बाहर निकल आए। उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। सभी की हालत स्थिर है और दूसरे नॉन ICU पेशेंट भी ठीक हैं। धीरे-धीरे सभी को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जा रहा है।

आग लगने के बाद कई मरीजों को हॉस्पिटल के वेटिंग रूप में बैठा दिया गया। उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
आग लगने के बाद कई मरीजों को हॉस्पिटल के वेटिंग रूप में बैठा दिया गया। उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

मृतकों में ये शामिल

1. उमा सुरेश कंगुटकर

2. निलेश भोईर

3. पुखराज वल्लभदास वैष्णव

4. रजनी आर कद्दू

5. नरेंद्र शंकर शिंदे

6. जनार्दन मोरेश्वर

7. कुमार किशोर किशोर दोशी

8. रमेश टी उपायन

9. प्रवीण शिवलाल गोदा

10. अमे राजेश राउत

11. रामा अन्ना म्हारे

12. सुवर्णा एस

13. सुप्रिया देशराज देशमुख

हादसे में अपने एक करीबी रिश्तेदार को खोने वाली सुमन बिलखते हुए कहती हैं, 'हॉस्पिटल में लिफ्ट दो दिन से काम नहीं कर रही थी। वार्ड में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था। आग लगने के बाद मरीजों को बाहर निकालने की जगह सब बाहर खड़े होकर तमाश देख रहे थे। किसी को हमारी नहीं पड़ी है, सब सिर्फ पैसे बना रहे हैं।'

हॉस्पिटल में आग लगने की घटना के बाद मौके पर बड़ी मरीजों के परिजन और दूसरे लोग जमा इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हो गई।
हॉस्पिटल में आग लगने की घटना के बाद मौके पर बड़ी मरीजों के परिजन और दूसरे लोग जमा इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हो गई।

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