Thursday, 22nd May 2025

फदहाखार के गुनहगार:28 साल में 22 अफसर लेकिन सब मूकदर्शक बने रहे, जंगल में कब्जे लगातार बढ़ते चले गए

Sun, Feb 14, 2021 8:05 PM

  • कहानी सीख लेने के लिए... क्योंकि इसे ध्यान से पढ़ेंगे तो शायद बाकी जंगल बचा पाएंगे
 

शहर से लगे फदहाखार रिजर्व फॉरेस्ट में 28 सालों से अतिक्रमण होता आया, लेकिन अफसर आंख मूंदकर कब्जा होने देते रहे। कभी अमला नहीं होने और कभी राजनैतिक दबाव की वजह से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अफसरों की मिलीभगत का ही नतीजा है कि 304 हेक्टेयर में से 25 हेक्टेयर में कब्जा हो गया।

फदहाखार रिजर्व फाॅरेस्ट एरिया में सिर्फ वन संरक्षण के काम ही हो सकते हैं। पर वहां लोगों ने अतिक्रमण कर दो मंजिला मकान बना लिए। वोट बैंक की राजनीति का ही नतीजा है कि सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं भी वहां मुहैया करा दी गई। जानकारों के मुताबिक फदहाखार में अतिक्रमण की वर्ष 1992 से तेजी आई।

इससे पहले इक्का-दुक्का मकान ही बने थे। तब से लेकर लगातार अतिक्रमण बढ़ता गया। दिखावे के लिए कुछ मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई हुई लेकिन फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यहां रहने वाले युवक फैज मोहम्मद ने बताया कि मैं यहां पिछले 8 सालों से रह रहा हूं।

मुझे यहां किसी ने बसाया नहीं बल्कि मैं खुद आकर यहां बस गया हूं। वन विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है। इसी तरह सुंदर राजपूत का कहना है कि हर तरफ बेजा-कब्जा है। फिर यहां के ही बेजा-कब्जा पर ध्यान क्यों दिया जा रहा है। वर्तमान में यहां की जनसंख्या 8 हजार है। हमें सुविधा उपलब्ध कराने पर बात क्यों नहीं होती।

भास्कर ने पूछा सवाल-आपने क्यों नहीं हटाया अतिक्रमण, जवाब में जानिए क्या कह रहे अफसर

फदहाखार में बेजा-कब्जा आज से नहीं वर्ष 1950 से है। जब से वह रिजर्व फारेस्ट बना तब से अतिक्रमण है। मैंने अपने कार्यकाल में बेदखली की कार्रवाइयां की लेकिन फिर वे आते गए। यह सतत प्रक्रिया है।
-एसडी बड़गैया, पूर्व डीएफओ

मेरे समय 7 लोगों ने अतिक्रमण किया था। उसे मैंने हटा दिया था। पुराने लोग अतिक्रमण करने वालों का राजनैतिक मुद्दा बना जिसमें भाजपा-कांग्रेस की ओर से अतिक्रमण हुआ। जमीन को निगम को देने की बात आई लेकिन निगम ने सहमति नहीं दी। भाजपा के बद्रीधर दीवान ने कहा था जमीन का प्रपोजल राज्य सरकार को भेजें। हेमंत पांडे, पूर्व डीएफओ

मेरा 9 माह का छोटा कार्यकाल था जबकि पूर्व के अफसरों का बड़ा था। फिर भी मैने अपने कार्यकाल में कोई नया अतिक्रमण नहीं होने दिया।
-एच मसीह, पूर्व डीएफओ

फदहाखार में अतिक्रमण हटाने के पूर्व कम से कम तीन नोटिस दिए जाते हैं। यह तीनों नोटिस मेरे कार्यकाल में ही दिए गए। इसके बाद मैं वहां से हट गया था। नोटिस के बाद कार्रवाई होनी थी।
-संदीप बल्गा, पूर्व डीएफओ

बड़ी कार्रवाई पर कुछ नहीं कहूंगा लेकिन मेरे कार्यकाल में जितने भी नए अतिक्रमण हुए उसे मैने वहां से हटवाया था। पुलिस प्रशासन या उच्चाधिकारियों से सहयोग मिलने या नहीं मिलने पर मैं कुछ नहीं कहूंगा।
- अमिताभ बाजपेयी, पूर्व डीएफओ

523 लोगों पर है वन अपराध दर्ज,1467 को दिए जा चुके नोटिस
वन विभाग ने वर्ष 2011-12 में फदहाखार को लेकर एक बड़ा कदम उठाया। यहां अतिक्रमण करने वाले 523 लोगों के खिलाफ वन अपराध दर्ज किया था। जिनमें कुछ मामले अभी भी न्यायालय में चल रहे हैं। कार्रवाई में 1467 को नोटिस भी दिया गया था।

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