प्रदेश के 65 से 70 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है। यही नहीं लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में भी अच्छी खासी बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के लगातार कम हो रहे केस इसकी पुष्टि करता है। फरवरी के 13 दिनों में महज 3300 मरीज मिले हैं। जबकि जनवरी में 25792, दिसंबर में 42253 व नवंबर में 50052 मरीज मिले थे। संक्रमण दर 0.01 फीसदी है, जो मार्च से अब तक सबसे कम है।
सितंबर में रायपुर समेत 6 जिलाें में सीराे सर्वे की रिपोर्ट आई थी। तब रायपुर के केवल 13 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनी थी। यानी ये ऐसे लोग थे, जो काेरोना से संक्रमित हो चुके थे और बिना इलाज के ठीक भी हो गए। सितंबर में पीक के बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी व फरवरी में कम मरीज मिल रहे हैं।
भास्कर ने जब वायराेलाॅजी व काेराेना विशेषज्ञों से इसकी वजह की पड़ताल की तो पता चला कि इसका प्रमुख कारण लोगों में कोरोना के खिलाफ बनी एंटीबॉडी व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि है। नेहरू मेडिकल काॅलेज के वायरोलॉजी विशेषज्ञों के अनुसार एंटीबॉडी के कारण ही कोरोना संक्रमण कम हो गया है।
दूसरी बात यह है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ गई है कि लोग काेरोना के वायरस से आसानी से लड़ पा रहे हैं। जहां भी कोरोना जांच हो रही है, वहां कुछ लैब में लोगों की एंटीबॉडी टेस्ट की गई, तो ज्यादातर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि एंटीबॉडी टेस्ट करने में मनाही है। इसके बावजूद कुछ निजी लैब या अस्पताल में ये टेस्ट हो रहे हैं। इस पर पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती करते हुए रोक लगाई थी। सीरो सर्वे आईसीएमआर कराती है।
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