Thursday, 22nd May 2025

भूपेश कैबिनेट का फैसला:नवा रायपुर बसाने के लिए स्कूल, रोजगार, मकान और निवेश के लिए अब कम कीमत पर देंगे जमीन

Sun, Feb 14, 2021 7:53 PM

  • एक साल तक शक्कर की खरीदी खुली निविदा से, वन क्षेत्रों का सर्वे कराएंगे
 

नवा रायपुर को बसाने के लिए राजभवन, सीएम हाउस और मंत्रियों के बंगले तैयार करने के साथ ही सरकार स्कूल, रोजगार और निवेश के साधन बढ़ाने की भी तैयारी कर रही है। इसके लिए अभी इन सभी के लिए निर्धारित जमीन की कीमत को कम करते हुए नए सिरे से लोगों को आकर्षित करने का प्लान बनाया है।

सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इसके तहत अब शैक्षणिक संस्थानों के विकास ऐसे सेक्टर, जिनका विस्तृत लेआउट तैयार नहीं किया गया है, वहां पर शैक्षणिक उपयोग के लिए 3706 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर को कम करते हुए 2475 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है। यह दर 31 मई 2022 तक प्रभावशील रहेगी।

निवेश, रोजगार और बसाहट को प्रोत्साहित करने अधोसंरचना विकास शुल्क का पुनर्निर्धारण किया गया है। इसके तहत अब प्रीमियम दरों 10 से 21 फीसदी तक कम कर दी गई है। साथ ही, प्रीमियम दर पर भूखंड भी आवंटित की जाएगी। वहीं प्रदेश के उद्योग अब जिस स्रोत से पानी लेंगे उसी स्रोत का उन्हें पैसा देना होगा।

इससे पहले एमओयू की शर्त के मुताबिक निजी स्रोत से जल लेने के बाद भी उसे शासकीय स्रोत की राशि का भुगतान करना पड़ता था। वहीं तेंदूपत्ता से होने वाली आय की 15 प्रतिशत राशि लघु वनोपजों के व्यापार के साथ-साथ लाख पालन के लिए दिया जाएगा।

लघु वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य शासन, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ एवं निजी निवेशकों के साथ होने वाले एमओयू का भी अनुमोदन किया गया। कैम्पा मद से वनक्षेत्रों में डीजीपीएस सर्वे कराया जाएगा जिसका काम स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि को सौंपा गया है।

टेलीफोन तार बिछाने के लिए लेने वाली अनुमति की प्रक्रिया को वनों के साथ ग्रामीण व शहरी इलाकों में सरलीकृत किया जाएगा। बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम की भू-भाटक राशि माफ करते हुए उसे टोकन दर पर जमीन आवंटित की जाएगी। ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण पुनर्गठन तथा प्राधिकरण निधि नियम व बंदी अधिनियम में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

गौठान समितियों को आत्मनिर्भर बनाएंगे: गोधन न्याय योजना के तहत गोठान समिति एवं स्व सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। अब 10 रुपए किलो में बेचे जाने वाले वर्मी कंपोस्ट का पांच रुपए गोठान समितियों को दिया जाएगा। प्रसंस्करण और पैकेजिंग पर व्यय राशि 0.65 रुपए संबंधित समूह को दिया जाएगा।

वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री के लिए लैम्पस या पैक्स एवं सहकारी बैंक को कमीशन की राशि प्रति किलो क्रमशः 0.45 रुपए और 0.05 रुपए दी जाएगी। वहीं प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट बिक्री से मिलने वाले लाभांश राशि को 85 अनुपात 15 में स्वसहायता समूहों और गोठान समितियों को दिया जाएगा।

शराब से 5 हजार करोड़ का राजस्व

राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति को भी मंजूरी दी है। इसके तहत पिछले साल की तरह इस साल भी शराब से पांच हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं काेरोना संक्रमण के कारण लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को भी खत्म कर दिया गया है, लेकिन उस शुल्क को शिक्षा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में लगाएंगे। गौठान शुल्क यथावत रहेगा।

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