शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ऐसे खिलौनों व खेलों का एक मैप तैयार किया जो बच्चों के कौशल व अकादमिक क्षमता को बढ़ाते हैं। 27 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित हो रहे पहले इंडिया टॉय फेयर में यह मैप वर्चुअली लॉन्च होगा।
इसके अलावा आंगनवाड़ियों में खिलौनों की मदद से साक्षरता बढ़ाने व बच्चों की शुरुआती पढ़ाई के लिए एनसीईआरटी की मदद से एक फाउंडेशन कोर्स तैयार किया जा रहा है। देश में एक क्षेत्र के लोकल खिलौनों को अन्य इलाकों तक पहुंचाने के लिए सरकार के छह मंत्रालय मिलकर टॉय फेयर का आयोजन कर रहे हैं। चार दिवसीय इस खिलौना मेले में देशभर के खिलौना निर्माताओं व हाथ से खिलौना बनाने वाले कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है।
देश में 80% खिलौने आयातित होते हैं
देश में इस्तेमाल होने वाले 80 फीसदी खिलौने आयातित होते हैं। आयात होने वाले 30 फीसदी खिलौनों में खतरनाक कैमिकल व हेवी मैटल्स की मात्रा रहती है। यह बच्चों के लिए बहुत असुरक्षित भी हैं। इसी वजह से पिछले साल फरवरी में सरकार ने खिलौनों पर इंपोर्ट ड्यूटी 20 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दी।
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