कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के नेता व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुरुवार दोपहर अलवर पहुंचे। इस दौरान टिकैत ने भास्कर से बातचीत में कहा कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लें। वरना आंदोलन खत्म नहीं होने वाला। टिकैत ने कहा कि खेत में हल और खुरपा चलाने वाला ही किसान आंदोलन का नेता है। रेल रोको आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि यह जागृति है। जो लोग दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे हैं। वे इस तरह आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं।
केंद्र हमारी सुनेगी, हमें कोई जल्दबाजी नहीं
टिकैत ने कहा कि किसान चाहते हैं कि सरकार कृषि कानून वापस ले। एमएसपी पर गारंटी कानून बना दे। स्वामीनाथन कमेटी रिपोर्ट को लागू करे। फसलों को आधे रेट में नहीं बेचा जाएगा। भूख पर देश में व्यापार नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र सरकार सुनेगी। हमें भी कोई जल्दबाजी नहीं है। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मानेगी।
उन्होंने आगे कहा कि अब तक सरकार व किसानों की बातचीत में कुछ भी आगे नहीं बढ़ सका। सरकार कानून वापस नहीं ले रही और हम घर वापस नहीं जा रहे हैं। कानून बनाने से पहले देश मे गोदाम बना दिए गए। इसलिए हम कहते हैं एमएसपी पर कानून बनाना जरूरी है। केवल कहने मात्र से किसानों का भला नहीं हो सकता है। देश में अनाज को कम कीमत पर नहीं बिकने दिया जाएगा। आमजन की रोटी को तिजोरी में बंद नहीं किया जाएगा।
हमारी कमेटी में 40 लोग, वह सरकार से बात करेंगे
टिकैत ने कहा कि 40 लोग हमारी कमेटी के सदस्य हैं। फसलों के फैसले किसान तय करेगा। सरकार से बातचीत कमेटी करेगी। बाकी कोई राजनीति नहीं है। इस आंदोलन का कोई नेता नहीं है। नेता है तो किसान है। किसान वहीं है जो खेत में खुरपा या हल चलाता है।
झालाटाला में किसान सभा
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से लक्ष्मणगढ़ के झालाटाला गांव में किसान सभा है। जहां सुबह से ही आसपास के किसानों का आना शुरू हो गया था। सुबह से दोपहर 12 बजे तक किसान नेता राकेश टिकैत के आने को लेकर असमंजस बना हुआ था। लेकिन दोपहर करीब एक बजे किसान नेताओं ने उनका आना सुनिश्चित किया।
भिवाड़ी में स्वागत के लिए नहीं रुके टिकैत
राकेश टिकैत दोपहर करीब डेढ़ बजे भिवाड़ी से होते हुए टपूकड़ा से तिजारा होते हुए निकले हैं। टपूकड़ों में कुछ किसान नेता उनके स्वागत करने के लिए भी खड़े थे। लेकिन, उनकी गाड़ी आगे निकल गई।
शाहजहांपुर का जिक्र किया
राकेश टिकैत ने कहा कि अलवर में इतनी दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र में यह सभा केवल आठ घण्टे पहले तय की गई थी। जिसमें इतनी बड़ी संख्या में किसान पहुंचे हैं। यह स्पष्ट संदेश है कि किसान कृषि कानून वापस चाहता है। उन्होंने शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का भी जिक्र किया। उनके साथ मंच पर राजराम मील, बलवीर छिल्लर, दीनबंधु शर्मा, राकेश चौधरी सहित संयुक्त किसान मोर्चा के काफी पदाधिकारी भी मौजूद थे। जो शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन से जुड़े हुए हैं।
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