आबकारी विभाग के जिन अधिकारी-कर्मचारियों पर अवैध शराब माफिया पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी हो वहीं इसकी चोरी करने लगे तो नशामुक्त समाज की कल्पना कभी नहीं की जा सकती। मप्र के जबलपुर जिले में भी चार ऐसे ही 'वर्दी वाले चोर' सामने आए हैं। दरअसल, आबकारी विभाग के दो एसआई और दो आरक्षक चोरी करते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं।
सभी ने आबकारी विभाग के गोरखपुर स्थित कंट्रोल रूम से अलमारी तोड़कर अंग्रेजी शराब की 172 बॉटल चुराई थी। वारदात 29 जनवरी की रात की है। हैरानी की बात ये है कि चोरी में शामिल दोनों एसआई 27 जनवरी को ही निलंबित हो चुके थे।
इसकी जानकारी होने पर आबकारी आयुक्त ने 6 फरवरी को दोनों आरक्षकों को भी निलंबित करते हुए FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके केस दर्ज नहीं किया गया, मामला बढ़ने के बाद गोरखपुर पुलिस ने मंगलवार रात को चारों के खिलाफ धारा 408 भादवि और 34 (2) आबकारी एक्ट का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
आबकारी कंट्रोल रूम प्रभारी ने दर्ज कराई शिकायत
जानकारी के अनुसार गोरखपुर थाने में आबकारी कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी की ओर से मामले में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस को एक पेन ड्राइव भी दी गई है, जिसमें वारदात में शामिल विभाग के दो एसआई नीरज दुबे और सुधीर मिश्रा सहित दो आरक्षक राकेश बोहरे और जैनेद्र प्यासी की सीसीटीवी फुटेज है। फुटेज 29 जनवरी की रात 7.50 से रात 8.34 बजे की बीच की है। इस फुटेज में चारों आरोपी गोरखपुर थाने के पीछे स्थित आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में प्रवेश करते हुए दिख रहे हैं।
2018 के प्रकरण में जब्त हुआ था उक्त माल
कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी की ओर से गोरखपुर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया कि चारों आरोपियों ने न्यायालय में लंबित अपराध क्रमांक 04/18 के प्रकरण में कंट्रोल रूम के मालखाना में रखी गईं 172 अंग्रेजी शराब की बॉटल अलमारी तोड़कर चोरी (खुर्द-बुर्द) की हैं। दोनों एसआई नीरज दुबे व सुधीर मिश्रा 27 जनवरी को निलंबित हो चुके हैं। वहीं दोनों आरक्षक राकेश बोहरे और जैनेंद्र प्यासी को 6 फरवरी को आबकारी आयुक्त ने निलंबित कर दिया है।
FIR दर्ज करने में आई मुश्किल
सूत्रों की मानें तो FIR दर्ज कराने में आबकारी के कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी को मुश्किल आई। दोपहर तीन बजे वह थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे, पर मामला रात आठ बजे दर्ज हुआ। इसके पीछे राजनीतिक दबाव बताया जा रहा है। आरोपियों में शामिल नीरज दुबे शहर के मॉडल स्कूल में पढ़े हैं। उनके साथ पढ़ने वाले राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों का पुलिस पर दबाव था। आखिर में भोपाल तक प्रकरण उछला, तब जाकर एसपी ने एफआईआर दर्ज करने की हरी झंडी दी।
एक लाइसेंस पर चार बार संचालित मामले में हुई थी कार्रवाई
यहां बताते चलते कि आबकारी के एसआई नीरज दुबे और सुधीर मिश्रा को शहर के पुल नंबर एक स्थित ऋषि रीजेंसी होटल को जारी एक लाइसेंस पर चार बार संचालित होने के प्रकरण में आबकारी आयुक्त ने 27 जनवरी को निलंबित किया था।
दोनों पर आरोप था कि ऋषि रीजेंसी होटल के बारे में जानकारी होने के बावजूद उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने उक्त बार का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया है। नीरज दुबे को निलंबन अवधि में रीवा संभाग के उड़नदस्ता में तो सुधीर मिश्रा को सागर संभाग में उपायुक्त संभागीय उड़नदस्ता में अटैच किया गया था।
चाराें आरोपी जल्द हो सकते हैं गिरफ्तार
आबकारी आयुक्त ने जहां एफआईआर दर्ज कराने के बाद इस मामले की एक सप्ताह में पूरी जानकारी तलब की है। वहीं गोरखपुर टीआई सारिका पांडे ने बताया कि अभी पेन ड्राइव उपलब्ध कराया गया है। बुधवार को मैं कंट्रोल रूम की जांच करने जाउंगी और वहां लगे सीसीटीवी का हार्ड डिस्क जब्त करूंगी। चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
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