Friday, 23rd May 2025

सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत:तीन राउंड काउंसलिंग के बाद खाली सीटों पर निजी मेडिकल कॉलेज दे सकेंगे प्रवेश; सरकार को करानी होगी विशेष काउंसलिंग

Thu, Feb 4, 2021 6:35 PM

  • सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रदेश में 2 साल से लागू नियमों को अवैधानिक करार दिया
 

सुप्रीम कोर्ट ने निजी मेडिकल काॅलेजों और छात्रों को बड़ी राहत दी है। कॉलेजों में प्रवेश के प्रदेश सरकार के नियमों को अवैधानिक करार देते हुए सात दिन में सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीटें भरने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सरकार को विशेष काउंसलिंग करानी होगी। अगली बार से तो तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद खाली सीटें कॉलेज स्तर पर ही भरी जा सकेंगी। सीट खाली होने के बावजूद सरकार से उन्हें भरने की अनुमति नहीं मिलने पर प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों की ओर से हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका एक दायर की गई।

हाई कोर्ट ने नियमों का हवाला देते हुए प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस इंदिरा बैनर्जी की खंडपीठ ने सरकार के नियम को अवैधानिक करार दिया।

नियम के फेर में 2 साल से ब्लॉक हो रही थीं सीटें
प्रदेश सरकार ने 2018 में निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली कांउसलिंग के लिए नियम जारी किए थे। इसके अनुसार तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद भी अगर किसी कॉलेज में सीटें रिक्त रह जाती थीं तो उन्हें ब्लॉक कर खाली छोड़ देते थे। कोर्ट ने इस पर कहा कि जब सीट हैं, दावेदार कतार में हैं तो भरे जाने की अनुमति मिलनी चाहिए।

फैसले का असर: 1 सीट के लिए 10 दावेदार बुला सकते हैं

1. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार को क्या करना होगा? - सरकार को रिक्त सीटों के लिए विशेष काउंसलिंग करानी होगी। सभी काॅलेजों की सीट फुल करनी होगी।

2. विशेष काउंसलिंग में कितने छात्रों को मौका दिया जाएगा? - सरकार के द्वारा काउंसलिंग में एक सीट पर 10 दावेदार की व्यवस्था रखी जा सकती है। मेरिट के आधार पर प्रवेश देंगे।

3. सुप्रीम कोर्ट से जारी आदेश का असर क्या केवल इसी साल रहेगा ? - शीर्ष अदालत ने प्रवेश के नियम ही बदल दिए हैं। अगले सालों से कॉलेज अपने स्तर पर ही ये काउंसलिंग कर सकेंगे।

सभी कॉलेजों में खाली हैं दो से तीन सीटें
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के ज्यादातर निजी काॅलेजों में तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद भी एमबीबीएस की दो से तीन सीटें खाली रह गई हैं। दो साल से निजी काॅलेज इस नियम के कारण परेशान हो रहे हैं। छात्रों को भी एडमिशन नहीं मिल रहा है। प्रतीक्षा सूची में सैकड़ों छात्र आस लगाए बैठे रहते हैं। इन सीटों को भरने की अनुमति के लिए काॅलेज कोर्ट गए थे।

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