स्वास्थ्य संचालनालय ने मंगलवार को जो कोविड हेल्थ बुलेटिन जारी किया था, उसके मुताबिक उस दिन कोरोना से भोपाल में एक भी मौत नहीं हुई। जबकि इस सरकारी रिकॉर्ड की जब भास्कर ने पड़ताल की तो शून्य मौतों की जानकारी गलत निकली। मंगलवार को चिरायु अस्पताल में इटारसी की, जबकि एम्स में भोपाल के चूनाभट्टी की एक महिला कोविड पेशेंट की मौत हुई थी। एक का अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट पर हुआ था, जबकि दूसरे को भदभदा रोड स्थित ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
सरकारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार भाेपाल में 25 जनवरी से 3 फरवरी के बीच राेजाना औसतन 1 कोविड मरीज की माैत हुई। जबकि हकीकत ये है कि इन 10 दिनों में शहर में 24 कोविड मरीजों ने दम तोड़ा, जिनका अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट पर हुआ। इनमें 15 मरीज भाेपाल के हैं। इन मृतकों की जानकारी भदभदा विश्राम घाट पर दर्ज है।
ये केस सिर्फ बानगी हैं, ऐसे जाने कितने नाम रिकॉर्ड में ही नहीं
केस-1 : 2 फरवरी को जान गई पर सरकार बोली- कोई मौत नहीं
चूनाभट्टी की 68 वर्षीय प्रिया (परिवर्तित नाम) 2 जनवरी काे एम्स में भर्ती हुई थीं। एनएचएम के सार्थक पाेर्टल पर प्रिया की पेशेंट आईडी PC-BHOPA-265481 दर्ज है। 2 फरवरी उनकी मौत हुई। अंतिम संस्कार भदभदा विश्रामघाट पर किया गया। लेकिन, सरकार ने मंगलवार काे भोपाल में मौतें शून्य बताईं।
केस-2 : मौत का प्रमाण-पत्र तो मिला पर रिकॉर्ड में दर्ज नहीं
चिरायु में भर्ती इटारसी निवासी 69 वर्षीय हेलेन मसीह की काेराेना से मंगलवार को मौत हुई। हेलेन मसीह की मृत्यु का प्रमाण-पत्र भी चिरायु अधीक्षक ने जारी किया है। उनके बेटे आशीष के मुताबिक मां का अंतिम संस्कार भाेपाल में भदभदा राेड स्थित ईसाई कब्रिस्तान में किया है।
शून्य मौतें दिखाने की असल वजह... दरअसल, विश्राम घाट में हर दिन कोरोना मरीजों के जो अंतिम संस्कार होते हैं, उसकी जानकारी एक दिन बाद हेल्थ बुलेटिन में आती है। इसके चलते मौतों की संख्या कम दिखाई दे रही है।
मौतों के आंकड़े... विश्रामघाट व सरकारी रिकॉर्ड में अंतर
बुलेटिन में कई जिलों में शून्य मौतें होना बताई जा रही हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है। 26 जनवरी को सागर के एक मरीज का अंतिम संस्कार भदभदा में हुआ, लेकिन इस दिन सागर में शून्य मौतें दर्शाई गईं।
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