Friday, 23rd May 2025

400 लोग बने चिटफंड कंपनी के शिकार:ज्यादा ब्याज का लालच दिया; किसी ने घर बनाने, तो किसी ने बेटी की शादी के लिए किया था निवेश, डायरेक्टर समेत 7 पर केस

Mon, Feb 1, 2021 7:41 PM

  • पैसे लेने पहुंचे तो कार्यालय में लटका मिला ताला
  • पुलिस ने अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया, दो एजेंटों की संपत्ति हो सकती है नीलाम
 

कोलकाता की चिटफंड कंपनी शहर के सैकड़ों निवेशकों की रकम लेकर भाग गई। कंपनी के निवेशकों में अधिकतर मजदूर तबके के लोग थे। निवेश करने वालों में किसी को घर बनाना थे, तो किसी को बिटिया की शादी करनी थी। जमा पैसे पर कंपनी के एजेंटों ने अधिक ब्याज का लालच दिया था। जब भुगतान की बारी आई और निवेशक कंपनी कार्यालय पहुंचे, तो वहां ताला लटक था। निवेशकों को कोलकाता के पते पर संपर्क करने के लिए कहा गया। वहां से भी जवाब नहीं मिला। तब वे रांझी थाने पहुंचे। पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर समेत सात लोगाें को आरोपी बनाया है।

कोलकाता की चिटफंड कंपनी ने रांझी में खोला था कार्यालय
सिंधी कैम्प निवासी राजेंद्र चौधरी, रज्जो बाई, मुन्नीबाई, बबलू, राकेश कुमार, प्रदीप नरवरिया ने रांझी थाने में शनिवार को एफआईआर दर्ज कराई। पीड़ितों ने बताया कि वे बाबा टोला एवं आसपास की बस्तियों के रहने वाले हैं और मजदूरी करते हैं। सभी लोगों ने अपने बच्चों की शादी, इलाज, मकान आदि की उम्मीद में अमृत प्रोजेक्टर (एनई) लिमिटेड नाम की चिटफंड कंपनी में निवेश किए थे। इस कंपनी का रजिस्टर्ड एड्रेस 58 जीएस रोड शिमा प्लाजा गुवहाटी कार्पोरेट आफिस सैय्यद नगर कोलकाता है। रांझी में उसका स्थानीय कार्यालय था।

अधिक ब्याज के लालच में ठगे गए
इस कंपनी में एजेंट रांझी निवासी किशनलाल चौधरी और मदार टेकरी निवासी रमेश चौधरी के माध्यम से पैसे एफडी आदि स्कीम में जमा किए थे। पीड़ितों के मुताबिक एजेंटों ने सभी को अधिक ब्याज का लालच दिया था। इस झांसे में फंसकर कुछ ने एफडी तो कुछ ने रिकरिंग डिपाजिट कराई थी। इसकी रसीदें भी सभी को मिली थी। जमा राशि की मैच्योरिटी होने पर वे कंपनी के रांझी कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लटका था। दोनों एजेंटों की ओर से कोलकाता के एड्रेस पर बात करने के लिए बोला गया। उक्त पते पर कई बार पत्राचार कर भुगतान के लिए कहा गया, पर वहां से कोई जवाब नहीं मिला।

पुलिस ने धाेखाधड़ी का मामला दर्ज किया
रांझी पुुलिस ने इस मामले में अमृत प्रोजेक्ट कम्पनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कैलाश चन्द्र दुजारी, सह डायरेक्टर केके वांगची, निशांत प्रकाश, शशांक राय सरकार, वरूण डे, रंजन चौधरी व अन्य के खिलाफ अमानत में ख्यानत और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। वहीं चिटफंड कंपनी बनाकर पैसे गबन करने के मामले में आरोपियों पर एमपी निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम की धारा 6 का अपराध दर्ज कर जांंच में लिया है।

एजेंटों के रहन-सहन पर संदेह
पीड़ितों ने साथ में ही एजेंटों की संपत्तियों को लेकर संदेह व्यक्त किए हैं। दोनों एजेंटों पर मजदूरों ने निवेश की राशि हड़प कर उक्त संपत्ति बनाई है। शिकायत में बड़ा पत्थर रांझी निवासी एजेन्ट किशनलाल चौधरी के बारे में बताया गया है कि इसने रीवा में रेलवे स्टेशन के पास शांति विहार कॉलोनी में आलीशान हवेली बनाई है। रीवा में ही कई काॅलोनियों में उसने प्लाॅट और मकान ले रखे हैं। उसकी कुछ संपत्ति ग्राम कौआढाना चुरहट में भी है। उसने अपने तीन बेटों की शादी बड़े शान शौकत से की थी।

राकेश ने भी बड़ी संपत्ति बनाई है
वहीं मदार टेकरी निवासी एजेंट राकेश कुमार चौधरी के नाम पर भी अचल संपत्ति है। पीड़ितों ने संदेह व्यक्त किए हैं कि दोनों एजेंटों ने शायद उनसे पैसे लेकर कंपनी के खाते में जमा ही नहीं किया हो। सारा पैसा खुद हड़प गए। यहीं कारण है कि कंपनी के कोलकाता एड्रेस पर पत्र भेजने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़ितों के मुताबिक दोनों एजेंटों के बहकावे में आकर ही उन्होंने कंपनी में निवेश किया था। हालांकि पुलिस ने अभी दोनों एजेंटों को आरोपी नहीं बनाया है। पर उनकी भूमिका की जांच कर रही है।

400 लोगों के निवेश की बात आ रही सामने

थाना प्रभारी आरके मालवीय ने बताया, अभी तक सामने आए शिकायतकर्ता के अनुसार कंपनी ने करीब 15 लाख की ठगी की है। 2012 में पीड़ितों ने कंपनी में निवेश किया था। 2018 में कंपनी पैसे लेकर भाग गई थी। तब से पीड़ित परेशान थे। कंपनी में तीन 400 से अधिक लोगों द्वारा निवेश करने की बात सामने आ रही है। जैसे-जैसे शिकायत मिलेगी, उसी अनुरूप राशि बढ़ेगी।

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