इंदौर में बेसहारा बुजुर्गों को अमानवीय ढंग से शहर के बाहर छोड़ने पर हुई किरकिरी के बाद जबलपुर प्रशासन की भी नींद टूटी। रविवार देर रात कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और निगमायुक्त अनूप कुमार सिंह नगर निगम की टीम के साथ निकले। सड़क किनारे फुटपाथ पर ठिठुरते हुए रात काट रहे 50 से अधिक निराश्रितों और बुजुर्गों को रैन बसेरों में भिजवाया। वहां उनके खाने की भी व्यवस्था कराई गई है।
रविवार रात को निकले कलेक्टर-निगमायुक्त
जानकारी के अनुसार कलेक्टर व निगामायुक्त रात रविवार रात 11 बजे एक साथ कर्मियों की टीम लेकर निकले। कचहरी वाले बाबा की मजार, मालगोदाम चौक, रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट के आसपास के इलाकों में सड़क किनारों, फुटपाथ पर रात गुजारने वाले बेसहारा लोगों हालचाल जाना और रैन बसेरों में भिजवाया। निराश्रितों ने बताया कि रैन बेसेरा संचालक वहां रुकने नहीं देते। मजबूरी में उन्हें खुले में रात काटने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
हाईकोर्ट भी लगा चुकी है फटकार
निराश्रितों और बेसहारों के मामले में हाईकोर्ट भी फटकार लगा चुकी है। खासकर बाल भिक्षुक और पिछले दिनों निगम के जर्जर दुकान का छज्जा गिरने से हुई दो महिलाओं की मौत के मामले में कलेक्टर से जवाब मांगा है। वहीं इंदौर में निराश्रितों के साथ हुई अमानवीयता पर घिरी राज्य सरकार भी नाराज है। इसके बाद ही अधिकारी हरकत में आए हैं।
अब कलेक्टर ने ये बनाई व्यवस्था
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने शहरी क्षेत्र के एसडीएम और नगर निगम अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाई है। टीम को नियमित रूप से वाहन के साथ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर खुले में रात बिताने वालों को चिन्हित कर पास में संचालित रैन बसेरों में छोड़ना होगा। रैन बसेरों में उनके खाने की भी व्यवस्था की गई है।
50 से अधिक निराश्रितों को छोड़ा गया रैन बसेरे में
रविवार रात को कलेक्टर व निगमायुक्त खुद ही शहर के मुख्य सड़कों पर निकले। सड़क किनारे मिले निराश्रितों व बेसहारों से बात कर रैन बसेरों में भिजवाया। लगभग 50 बेसहारा व निराश्रित व भिक्षुकों को रैन बसेरों में भिजवाया गया। इस अवर पर वेदप्रकाश चौधरी, अतिक्रमण अधिकारी सागर बोरकर की टीम मौजूद थी। कलेक्टर शर्मा व निगमायुक्त ने गोकुलदास धर्मशाला में भी पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
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