कोरोना के नए स्ट्रेन में अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन 86% प्रभावी पाई गई है। ब्रिटेन, अमेरिका और मैक्सिको में इस वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में है। पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने भी देश में इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी है। कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग के प्रेसिडेंट ग्रेगोरी मार्क ग्लेन कहते हैं, ‘जल्द ही वैक्सीन बाजार में होगी।’
दिलचस्प बात यह है कि दो साल पहले नोवावैक्स दिवालिया होने की कगार पर थी। कंपनी नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज की सूची से भी बाहर हो गई थी। मैरीलैंड की दो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के हाथों बिकने जा रही थी। लेकिन इस बीच महामारी आ गई। अब कंपनी ने अमेरिका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज का करार किया है।
जल्द ही वैक्सीन बाजार में होगी
इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नोवावैक्स की इस वैक्सीन को कोवोवैक्स के नाम से जून 2021 तक भारत में लॉन्च किया जा सकता है। खास बात यह है, इस वैक्सीन को महिला वैज्ञानिकों की टीम बना रही है, जिसका नेतृत्व भारतीय मूल की वैज्ञानिक नीता पटेल कर रही हैं।
टीम 18 घंटे काम कर रही
महिला वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि पर नीता पटेल कहती हैं, ‘मैं समझती हूं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का लैब में होना अधिक सामान्य बात है। हमने कोविड वैक्सीन पर बीते साल 10 जनवरी को काम शुरू किया था और तब से लैब एक दिन भी बंद नहीं हुई है। टीम 18 घंटे काम कर रही है। इस टीम के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।’ नीता एक बेबाक और विनम्र महिला हैं। वे काम की गंभीरता को समझती हैं। उन्हें पता है कि उनकी टीम का काम कितना ऐतिहासिक है।
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