मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के रजत जयंती वर्ष की शुरुआत बच्चों को घर पर ही पल्स पोलियो की खुराक पिलाकर की। इसके साथ ही 1 करोड़ 14 लाख बच्चों को पोलिया की दवा पिलाने का राज्य स्तरीय अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री निवास से हुआ। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य आयुक्त डॉक्टर संजय गोयल, प्रबंध संचालक स्वास्थ्य मिशन छवि भारद्वाज, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला उपस्थित थे। यह पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का रजत जयंती वर्ष है।
5 साल तक के बच्चों को पिलाई जाएगी
मध्य प्रदेश में रविवार 31 जनवरी को जन्म से 5 साल तक के 1 करोड़ 14 लाख बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाना शुरू किया गया। पहले दिन पोलियो की दवा बूथ स्तर पर पिलाई जाएगी। इसके बाद दो दिन तक हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंडों पर भी टीम तैनात की जाएगी।
पहले 17 जनवरी को पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान रखा गया था। इसी बीच कोरोना टीकाकरण शुरू होने के कारण इसे टाल दिया गया था। पिछले साल 19 जनवरी को भी यह अभियान प्रदेश में चलाया गया था। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भारत के कुछ पड़ोसी देशों में पल्स पोलियो के मरीज अभी भी मिल रहे हैं।
यही वजह है कि मध्य प्रदेश समेत देशभर में पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान चलाना पड़ रहा है। साल में यह अभियान एक बार चलाया जाता है। जब तक पड़ोसी देशों से पोलियो खत्म नहीं होगा, भारत में इसी तरह से पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान चलाना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए के लिए डोर-टू-डोर भी जाएंगे।
ऐसे में हेल्थ वर्कर्स को पहले से ही अभिभावकों को समझाइश देने के लिए कहा गया है। देश में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 3 दिसंबर 1995 को हुई थी। 25 साल होने पर मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष सिल्वर जुबली मना रहा है। इसमें हर गांव में पहली बार पोलियो दवा पीने वालों में 3 से 5 लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में बूथ : 44 हजार 685
ट्रांजिट बूथ : 2488
हाईरिस्क एरिया : 4117
दल : 89 हजार 370
मोबाइल टीम : 1609
वैक्सीनेटर : 89 हजार 370
सुपर वाइजर्स : 8937 हैं।
डीप फ्रीजर : 2802
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