छत्तीसगढ़ में श्रीराम मंदिर के चंदे पर सवाल उठ गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से पूछा है कि उनकी ओर से चंदा लेने के लिए यहां किसे अधिकृत किया गया है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इसके लिए बकायदा ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को पत्र लिखा है।
इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछले दिनों बिलासपुर में एक महिला के खिलाफ FIR हुई। वह अनाधिकृत तौर पर रसीद छपवाकर चंदा ले रही थी। दूसरे राज्यों में भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आई हैं। कुछ लोग रसीद बुक छपवा लिए हैं और चंदा उगाही कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, इसीलिए श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट से जानकारी मांगी गई है कि छत्तीसगढ़ में उनकी ओर से चंदा लेने के लिए किसे अधिकृत किया गया है। अनाधिकृत व्यक्ति चंदा नहीं ले सकता। इसलिए यह जानना जरूरी है। यह जनता को भी पता चल जाए और सरकार को भी पता रहे। इसके बाद जो गलत करेंगे उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर देगी।
बीते दिनों RSS कार्यकर्ताआें ने बिलासपुर में एक महिला को पकड़ा था। उनका आरोप था, महिला रसीद बुक छपवाकर लोगों से राम मंदिर के नाम पर चंदा ले रही है। वह चंदा लेने के लिए अधिकृत नहीं है। इधर संघ और उसके आनुषांगिक संगठन निधि संग्रह के नाम पर बड़ा अभियान चला रहे हैं।
एक दिन में जमा हुए एक करोड़ से अधिक
इधर रायपुर आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री और विहिप नेता चंपत राय ने VIP रोड राम मंदिर में प्रदेश के 80-85 बड़े कारोबारी और धर्मार्थ समूहों के साथ बैठक की। इस बैठक में ही एक करोड़ रुपए की राशि मंदिर निर्माण के लिए जमा हो गई।
जो विवरण सामने आया है उसके मुताबिक डोंगरगढ़ के प्रसिद्ध बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट ने 11 लाख रुपए दिए, RSS के प्रांत प्रमुख डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना के वीवाय हॉस्पिटल ने 11 लाख रुपए दिए। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने पांच लाख, शदाड़ी दरबार ने एक लाख और रावतपुरा सरकार आश्रम की ओर से एक लाख की राशि मंदिर निर्माण के लिए दी गई है।
31 जनवरी को प्रदेश भर में 20 हजार टोलियां
विहिप नेता चंपत राय ने बताया, छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी को निधि समर्पण का सबसे बड़ा अभियान चलेगा। इसमें 20 हजार टोलियां एक साथ निकलेंगी और हर घर से सहयोग राशि इकट्ठा करेंगी। एक टोली में कम से कम पांच सदस्य होने हैं। बताया जा रहा है इन टोलियों में संघ और आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ दुर्गा पूजा उत्सव, गणेश उत्सव समितियों के कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जा रहा है।
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