विजय नगर चौराहे पर नर्मदा पाइप लाइन में हुआ लीकेज सात दिन बाद भी नहीं सुधर पाया है। नगर निगम ने अपर आयुक्त से लेकर असिस्टेंट इंजीनियर तक 5 आला अफसर, 20 से अधिक कर्मचारी लगा रखे हैं। बावजूद इसके सात दिन से विजय नगर सहित पूरे इलाके की सात टंकियां सूखी हैं। क्षेत्र की तीन लाख से ज्यादा आबादी जलसंकट झेल रही है।
नर्मदा की ये पुरानी ट्रंक लाइन ड्रेनेज के लिए चेंबर बनाने के दौरान फूटी थी। उस समय अफसरों ने तीन से चार दिन में लीकेज बंद कर सप्लाय शुरू करने का दावा किया था। गुरुवार को भी दिन में जैसे ही पानी शुरू किया गया, ज्वॉइंट से लीकेज होने लगा। अफसर तीन पाइप बदल चुके हैं। अब उनका कहना है कि सीमेंट का पुराना पाइप और उसका व्यास अलग होने से नए पाइप ठीक से नहीं जुड़ रहे।
डायरेक्ट सप्लाय किया, लेकिन लोगों को बुलाने पड़ रहे टैंकर
गुरुवार को निगम ने कुछ क्षेत्रों में डायरेक्ट सप्लाय किया, लेकिन ज्यादातर इलाकों में पानी नहीं पहुंचा। लोगों को मजबूरन निजी टैंकर ही बुलाना पड़े। स्कीम नंबर 54, 74, 78, 114 पार्ट 1-2 और 136 की पानी की टंकियां खाली ही रहीं।
सीधी बात- संजीव श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नर्मदा परियोजना
7 दिन बाद भी लीकेज ठीक क्यों नहीं हुआ? पुरानी ट्रंक लाइन होने के कारण सीमेंट के पाइप डले थे। जैसा पाइप लगा था, लोहे का उसी गेज का नया पाइप लगाना पड़ता है। फिटिंग बैठाना कठिन होता है।
लोगों को कब तक प्यासा रहना पड़ेगा? -काम लगभग पूरा हो गया है। शुक्रवार से सप्लाय नॉर्मल हो सकती है। डायरेक्ट सप्लाय भी की है।
लीकेज तुरंत सुधारने की व्यवस्था क्यों नहीं है? -ट्रैफिक, पुरानी लाइन के कारण परेशानी आ जाती हैं, पर हम आम तौर पर दो या तीन में ही काम कर देते हैं।
लालबाग इलाके में घरों में दिए नल कनेक्शन से लीक हो रहा पानी
विजयनगर के साथ ही शहर के पश्चिमी इलाके लालबाग क्षेत्र में भी नर्मदा की लाइन से लीकेज हो रहा है। यहां लाेगों के घरों में दिए गए नल कनेक्शनों से पानी लीक हो रहा है। शिकायत आने के बाद सुधार शुरू किया गया है। यहां भी फिलहाल लोगों को राहत नहीं मिल पाई है।
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