कोरोना अपडेट:46 अस्पतालों में से 24 में कोरोना का एक भी मरीज नहीं, 4167 बेड पर सिर्फ 182 मरीज भर्ती
Fri, Jan 29, 2021 6:51 PM
- अप्रैल 2020 के बाद इंदौर में एक्टिव मरीज 500 से कम हुए
- सुपर स्पेशिएलिटी में अब मरीज नहीं, इंडेक्स से भी करार खत्म, सेम्स में अधिकतम 100 बेड ही करार में रहेंगे
इंदौर में अब कोरोना के कुल 4167 बेड में से मात्र 182 पर ही मरीज भर्ती हैं। कुल एक्टिव मरीज 500 से नीचे आ गए हैं। यह स्थिति अप्रैल मध्य के बाद पहली बार देखने में आ रही है। गुरुवार सुबह की स्थिति में अस्पतालों में 182 और होम आइसोलेशन में 317 इस तरह कुल 499 एक्टिव मरीज थे। अस्पतालों में 96 फीसदी बेड खाली हैं। सुखद स्थिति यह है कि कोविड का उपचार करने वाले 46 अस्पतालों में से 24 में एक भी मरीज नहीं है। सुपर स्पेशिएलिटी, न्यू चेस्ट खाली हैं, एमआरटीबी में 10 तो एमटीएच में केवल 2 एक्टिव मरीज भर्ती हैं। इंडेक्स के साथ करार खत्म कर दिया है। वहीं अरबिंदो से भी गंभीर मरीजों के लिए 50-100 बेड का करार ही रहेगा।
हर्ड इम्युनिटी व लोगों की जागरूकता से घटे मरीज
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मरीज कम होने की एक बड़ी हर्ड इम्युनिटी और लोगों की जागरूकता है। हालांकि अब भी लोगों को सजग रहना होगा, क्योंकि मरीज अभी भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशिएलिटी में सिविल व बिजली का काम बाकी है, इसलिए वहां कोरोना मरीज भर्ती नहीं करेंगे।
कोरोना के 96% बेड खाली
- 2463 जनरल व ऑक्सीजन बेड 102 मरीज भर्ती
- 596 आईसीयू बेड 71 मरीज भर्ती
- वर्तमान में कुल एक्टिव मरीज 500 से नीचे आ गए हैं
- 1108 एचडीयू बेड 09 मरीज भर्ती
वैक्सीनेशन... देर रात बढ़ाए 31 केंद्र, 61% ने लगवाया टीका
- बुधवार रात 11 से 2 बजे के बीच स्वास्थ्य विभाग ने 31 कोरोना वैक्सीन केंद्र और बढ़ा दिए। इसी दौरान जिन अस्पतालों को केंद्र बनाया वहां सूचना दी कि उनके यहां टीकाकरण होगा। अस्पताल तैयार नहीं थे। विभाग की भी तैयारियां नहीं थी। इस कारण गुरुवार सुबह टीकाकरण सत्र देरी से शुरू हुए। स्टाफ को सुबह फोन कर बुलवाया गया। ज्यादातर स्टाफ को पता ही नहीं था कि उनकी डयूटी लगी। सुबह 10 बजे तक कई केंद्रों पर वैक्सीन नहीं पहुंच पाया। फोकल पॉइंट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं हो पाई।
- गुरुवार को 90 केंद्रों पर 8045 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था, लेकिन 4928 को ही लगाया जा सका। 3117 लोग नहीं पहुंचे या किसी कारण टीका नहीं लगाया जा सका। इस तरह 61% टीकाकरण रहा। एक फिजियोथेरेपी स्टूडेंट को टीके के बाद परेशानी होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
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