Friday, 23rd May 2025

बंधक बने मजदूर हुए मुक्त तो छलका दर्द:पांच लाख में मजदूरों को दलाल ने बेच दिया था सोलापुर में, 24 घंटे गन्ने के खेत में कराया जाता था काम, भरपेट खाना भी नहीं देते थे

Mon, Jan 25, 2021 7:18 PM

  • महिला मजदूर ने फोन पर दी घरवालों को सूचना, एसपी के निर्देश पर खितौला पुलिस गई थी सोलापुर
  • मजदूर बोले मजदूरी मांगने पर पीटा जाता था, बीमार होने पर इलाज भी नहीं कराते थे
 

महाराष्ट्र के सोलापुर में बंधक बने 12 मजदूरों को खितौला पुलिस ने वहां की पुलिस की मदद से मुक्त कराया। मजदूरों को एक दलाल पांच लाख रुपए में सोलापुर में ले जाकर बेच दिया था। मजदूरों का आरोप है वहां खेतों में उनसे दिन भर काम कराया जाता था। बावजूद उन्हें भरपेट भोजन व पानी नहीं मिलता था। कई मजदूर बीमार हुए तो उनका इलाज तक नहीं कराया। मजदूरी मांगने पर मारपीट की जाती थी। एक महिला मजदूर की सूझबूझ काम आई। उसने परिजनों को फोन पर आपबीती सुनाई। इसके बाद परिजन थाने और एसपी के पास पहुंचे, तब पुलिस सक्रिय हुई।
खंडवा में मिला था दलाल
जानकारी के अनुसार खितौला वार्ड नंबर 13 निवासी अंजली कोल, कुमकुम कोल, रागिनी, गंगा, वंदना, लक्ष्मी, शिवानी, संजय कोल, संजय चौधरी, अनिल राजपूत, घनश्याम कोल, सुनीता बाई बेटे राशि (4 वर्ष) के साथ दो महीने पहले मजदूरी करने खंडवा गए थे। सुनीता बाई के मुताबिक वहां उन्हें असीम खान नाम का दलाल मिला। उसने झांसा दिया कि दो साल में सभी को पांच लाख रुपए मिलेंगे। खेतों में काम करना होगा। बदले में रहने-खाने की पूरी व्यवस्था रहेगी। सभी तैयार हो गए।
एक ठेकेदार को बेच कर खुद पैसा लेकर भाग गया
सभी मजदूरों को दलाल सोलापुर (महाराष्ट्र) ले गया। वहां उन्हें एक ठेकेदार को उसने पांच लाख रुपए में बेच दिया। खुद पैसे लेकर वह भाग गया। मजदूरों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। दलाल ने मजदूरों को झांसा दिया कि काम शुरू करो, पैसा मिल जाएगा। पीड़िता वंदना के मुताबिक वहां गजानंद मराठी नाम के किसान के खेत में उन्हें गन्ना छिलने का काम कराया जाता था। उन लोगों ने गजानंद को देखा तो नहीं था, लेकिन खेत में उसके आदमी अक्सर उसका नाम लेते रहते थे।
24 घंटे कराते थे काम
मजदूरों के मुताबिक वहां उनसे शिफ्टवार 24 घंटे काम लिया जाता था। खेत में ही वे सोते थे। बीमार होने पर इलाज तक नहीं कराया जाता था। मजदूरी मांगने पर बोलते थे कि पूरे पांच लाख रुपए असीम खान ले गया है। मजदूर मजदूरी नहीं मिलने की बात कहते तो गजानंद के लोग उनके साथ मारपीट करते थे। इसी के बाद से मजदूर वहां से निकलने की जुगत में लगे थे।
वंदना ने घरवालों को किया फोन
एक सप्ताह पहले वंदना ने फोन पर परिजनों को आपबीती सुनाई और वहां से मुक्त कराने के लिए कहा। परिजन खितौला थाने पहुंचे। वहां सुनवाई नहीं हुई तो स्थानीय जनप्रतिनिधि राजेश चौबे के पास गए। उन्होंने एसपी से बात की। तब एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर खितौला पुलिस सक्रिय हुई। खितौला पुलिस की एक टीम सोलापुर पहुंची और रविवार रात को सभी मजदूरों को दो वाहनों से लेकर लौटी। घर पहुंचे मजदूरों की खुशी देखते ही बन रही थी।
सोलापुर के मोहुल थाने में लिखकर दिया बस घर जाना है
खितौला टीआई जगोतिन मसराम के मुताबिक सभी मजदूर यहां आने के बाद बंधक बनाने और भोजन न देने की बात कह रहे हैं। सभी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। वे चाहेंगे तो जीरो पर प्रकरण दर्ज कर सोलापुर थाने को ट्रांसफर कर देंगे। मजदूरों ने स्थानीय सोलापुर जिले के मोहुल थाने में लिखकर दिया था कि वे कार्रवाई नहीं चाहते हैं, बस उन्हें घर जाना है। मजदूरों ने वहां की शिकायत में बताया था कि उन्हें मजदूरी नहीं मिली है।

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