भोपाल में प्यारे मियां यौन शोषण केस की शिकार नाबालिग की मौत की जांच SIT करेगी। घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह 11 बजे एक उच्चस्तीय बैठक बुलाई। उन्होंने कहा, 'भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए। यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें जो भी दोषी होगा,कार्रवाई की जाएगी।'
उधर, पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि राजधानी में ही बच्चियां सुरक्षित नहीं है। यह सरकार और कितना शर्मसार करेगी...। वहीं, बैठक में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, सीएम के ओएसडी मकरंद देउसकर, आईजी भोपाल उपेंद्र जैन तथा भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया मौजूद थे।
पूर्व सीएम ने कहा, घटना बेहद निंदनीय व शर्मनाक
कमलनाथ ने घटना को बेहद निंदनीय व शर्मनाक बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं है। पीड़िता और उसके परिवार के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। कहां है जिम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मसार करेंगे ?
अंतिम संस्कार: बेटी का शव घर नहीं ले जा पाए परिजन, हाथरस दुष्कर्म कांड जैसी अमानवीयता
यूपी के हाथरस दुष्कर्म कांड की पीड़िता के अंतिम संस्कार में पुलिस-प्रशासन ने जैसी संवेदनहीनता दिखाई थी, वैसी ही अमानवीयता भोपाल में भी की गई। प्यारे मियां यौन शोषण केस की शिकार नाबालिग बेटी की नींद की गोलियां खाने से बुधवार को मौत हो गई थी। गुरुवार को पुलिस की निगरानी में दोपहर 1:30 बजे उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि वे बेटी का शव घर लाना चाहते थे, उसे अंतिम सम्मान देकर विदा करना चाहते थे।
यह नाबालिग इस केस में पीड़िता और फरियादी थी, न कि आरोपी या अपराधी। फिर भी पुलिस शव को हमीदिया से सीधे श्मशान ले गई। पीड़िता की मां और परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें शव नहीं सौंपा। मोर्चरी में पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद भी की। इस बीच बैरागढ़ एसडीएम मनोज उपाध्याय ने हमीदिया पहुंचकर परिजनों को दो लाख रु. का चेक दिया।
मामले की सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि भोपाल पुलिस ने पीड़िता के साथ वैसी ही अमानवीयता की है, जैसा पिछले साल हाथरस दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने की थी। इसलिए सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
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