नगर निगम ने शहर में बीमारी बांटने का बड़ा खुलासा किया है। अस्पतालों से निकलने वाले संक्रामक वेस्ट को नष्ट करने के बजाए खुले में फेंका जा रहा है। बुधवार को पटना नगर निगम और बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मेडिकल वेस्ट का बड़ा ढेर बरामद किया है, जिसे पाटलिपुत्रा स्थित वार्ड नंबर 3 के विकास विहार कॉलोनी में फेंका गया था। मेडिकल वेस्ट से एक बिल भी बरामद हुआ है, जो पाटलिपुत्रा स्थित रुबन हॉस्पिटल का है। नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अस्पताल पर कार्रवाई करने में लगा है। जबकि अस्पताल का कहना है कि यह फंसाने की साजिश हो रही है।
अस्पतालों के लिए यह है नियम
अस्पतालों से दो तरह का कचरा निकलता है। एक मेडिकल वेस्ट होता है और दूसरा जनरल वेस्ट। मेडिकल वेस्ट में भी दो तरह का कचरा होता है जिसे अस्पताल को काफी सावधानी से इकट्ठा करना होता है। मेडिकल वेस्ट को अलग प्लास्टिक के बैग में इकट्ठा करने के बाद उसे नष्ट करने के लिए इंसीनेटर चलाने वाली एजेंसी को देना होता है, जबकि जनरल वेस्ट को नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी को देना होता है। दोनों कचरा अगर एक मिल जाए तो संक्रमण का बड़ा खतरा होता है। यही कारण है कि मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए कड़े नियम हैं, जिसे अस्पतालों को कड़ाई से पालन कराना होता है।
पटना में यह पहला मामला नहीं
पटना में अस्पतालों का कचरा खुले में फेंकने का यह कोई नया मामला नहीं है। पूर्व में भी इसका खुलासा हो चुका है लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों पर अंकुश नहीं लग रहा है। हाल ही में बेली रोड पर मेडिकल वेस्ट फेंकने का मामला आया था। पटना नगर निगम को शिकायत मिल रही थी कि पाटलिपुत्रा के विकास विहार कॉलोनी में खुले में कचरा फेका जा रहा है। एनसीसी अंचल की सिटी को इंस्पेक्टर ने सूचना दी जिसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त रुप से कार्रवाई के लिए पहुंच गई। निगम का कहना है कि मेडिकल वेस्ट के साथ जनरल वेस्ट को मिक्स करके फेका गया था। इसमें से रुबन हॉस्पिटल पाटलिपुत्रा का एक बिल मिला है जिसके बाद टीम अस्पताल पहुंची।
अस्पताल और निगम आमने-सामने
खुले में कचरा और उसमें रुबन अस्पताल का बिल मिलने के बाद निगम और अस्पताल आमने सामने है। रुबन हॉस्पिटल पर पटना नगर निगम ने 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। निगम की इस कार्रवाई को हॉस्पिटल मानने को तैयार नहीं है और ना ही गलती मानने को तैयार हो रहा है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर नगर निगम अब पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई में जुट गया है।अस्प्ताल प्रबंधन तो कचरे को अपना मानने को तैयार ही नहीं है। अब निगम अस्पताल से सबूत मांग रहा है कि कचरा कहां नष्ट किया जा रहा है। सबूत में निगम सीसीटीवी फुटेज मांग रहा है जिसमें एजेंसी को कचरा देते देखा जा सके। लेकिन अस्पताल निगम को सबूत नहीं दे रहा है। निगम का कहना है कि अब अस्पताल को नोटिस दिया जा रहा है। अगर नोटिस पर भी वह सहयोग नहीं करता है तो अस्पताल की प्रापर्टी टैक्स में जोड़कर जुर्माना की रकम वसूली जाएगी। निगम का कहना है कि नियम तो यह भी है कि अस्पताल की मनमानी पर उसे सील कर दिया जाए, हालांकि अभी नोटिस भेजा जा रहा है।
अस्पताल ने कहा- फंसाने की साजिश
पाटलिपुत्रा के रुबन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सत्यजीत का कहना है कि मामला पूरी तरह से फर्जी है। वह कचरा IGIMS में इंसीनेटर चलाने वाली एजेंसी को देते हैं। उनका दावा है कि वह सबूत भी रखते हैं। डॉक्टर का आरोप है कि एक विपक्षी पार्टी की शिकायत पर फर्जी तरह से फंसाने का काम किया जा रहा है।
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