छोटे तालाब में सोमवार को नेशनल पैरा केनो चैंपियनशिप आयोजित की गई। एक दिन की इस प्रतियोगिता में पति-पत्नी (मनीष कौरव और प्राची यादव कौरव) ने डबल गोल्ड मेडल जीते हैं। दोनों ग्वालियर के रहने वाले हैं। दोनों जन्मजात दिव्यांग हैं और इंटरनेशनल प्लेयर हैं।
खास बात है कि दोनों वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में चुने गए हैं। वे पहले भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। आठ माह पहले लॉकडाउन के दौरान दोनों ने लव मैरिज की है। अब भोपाल में रहकर अपने खेल को निखार रहे हैं।
गलत इलाज से पोलियो के शिकार हुए, चल-फिर नहीं सकते
मुरैना के सांगोली गांव के रहने वाले गौरव सिंह ने दोहरे पदक जीते हैं, जिनमें एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज शामिल हैं। एक साल की उम्र में उन्हें निमोनिया हो गया था। इसका गलत इलाज होने के कारण वे पोलियो के शिकार हो गए हैं। गौरव चल फिर नहीं सकते हैं क्योंकि उनके दोनों पैर और रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है। गौरव के पिता सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं। रहे हैं उनकी पेंशन से ही घर का गुजारा होता है।
कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता, फिर भी ओलिंपिक मेडल जीतने का जज्बा
भिंड की रहने वाली पूजा ओझा ने एक गोल्ड और एक सिल्वर जीते हैं। पोलियो के कारण पूजा के कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता है। वे आठ माह की थीं और मां के साथ मामा के यहां थीं, तभी एक छोला छाप डॉक्टर ने तेज बुखार में उन्हें इंजेक्शन लगा दिया। उसके बाद भी वे खुद से पैरा ओलिंपिक में मेडल की उम्मीद रखती हैं। वे कहती हैं कि मैं पैरा ओलिंपिक क्वालीफायर की तैयारी कर रही हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि मैं क्वालिफिकेशन हासिल कर लूंगी।
26 में 18 मेडल हमने जीते
स्पर्धा में मेजबान खिलाड़ियों का बोलबाला रहा। हमारे पैडलर्स ने दांव पर लगे 26 में से 18 मेडल जीते। इसमें सभी 11 गोल्ड मेजबानों की झोली में आए। एक दिनी प्रतियोगिता में एल-1, एल-2 और एल-3 कैटेगरी की 200 मी की कयाकिंग और केनोइंग रेस कराई गई। स्पर्धा के गोल्ड मेडलिस्ट पैरा वर्ल्ड के लिए भारतीय टीम में चुने गए।
लॉकडाउन में लव मैरिज... तीन साल पहले छोटी झील में ट्रायल के दौरान हुई थी प्राची और मनीष की मुलाकात
प्राची और मनीष की पहली मुलाकात तीन साल पहले छोटी झील में आयोजित ट्रायल में हुई थी। मनीष सीनियर थे, ऐसे में प्राची को इस खेल की बारीकियां सिखाते रहते थे। इस दौरान दोनों में प्यार हुआ। मनीष एक दिन अचानक प्राची के कमरे पर पहुंचे, जहां प्राची अपनी सहेलियों के साथ थीं।
उन्होंने प्राची के सामने अपने प्यार का इजहार किया और शादी करने का प्रस्ताव रखा। यह सुनकर प्राची ने उन्हें मना कर दिया। मनीष को प्राची को मनाने में करीब एक हफ्ता लगा। आखिरकार प्राची मनीष से शादी करने के लिए राजी हो गईं। दोनों ने 11 जून को लॉकडाउन के दौरान कोर्ट में लव मैरिज कर ली। पर इन दोनों की कहानी अभी समाप्त नहीं हुई।
इन दोनों की शादी को मनीष के घरवालों ने अब तक स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में मनीष शादी के बाद से घर नहीं गए। मनीष-प्राची जहांगीराबाद में एक किराए के मकान में रहते हैं। हालांकि प्राची के घर वालों ने इस शादी को स्वीकार कर लिया है और मदद कर रहे हैं। (जैसा मनीष और प्राची ने दैनिक भास्कर को बताया)
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