कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक संकट से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार नए साल में 1 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार से ले रही है। पिछले साल अप्रैल से अब तक यह 18वां मौका है, जब सरकार को विकास कार्यों के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। पहले 20 दिसंबर को 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार से लिया था। शिवराज सरकार अपने 10 माह के कार्यकाल में 17,500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। इस तरह मप्र सरकार पर कुल कर्ज का बोझ 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। बावजूद इसके सरकार मार्च 2021 तक 1373 करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है। वित्त विभाग ने 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने एक माह पहले खुले बाजार से 2,373 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दे दी है। नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले केंद्र ने यह अनुमति देकर शिवराज सरकार को बड़ी राहत दी है। केंद्र की शर्त के मुताबिक राज्य सरकार को कर्ज की राशि का 50% नागरिक सुविधाओं में खर्च करना होगी। केंद्र ने कहा है कि नगरीय निकायों से जुड़े सुधारों के साथ वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम काे लागू करने में भी इस राशि का उपयोग किया जाए।
कोरोना ने राज्य की आर्थिक कमर तोड़ी है। इस दौरान आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण राजस्व संग्रहण प्रभावित हुआ था। हर साल राजस्व में 10 से 12% की वृद्धि की जाती है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य को करीब 7 हजार करोड़ रुपए कम राजस्व मिला है। इसी तरह केंद्र से जीएसटी में राज्य की हिस्सेदारी का 6900 करोड़ रुपए कम मिला है।
जीडीपी का 1% अतिरिक्त लोन की अनुमति मांगी
मप्र ने जीडीपी का 1% अतिरिक्त लोन की अनुमति देने की मांग की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं के क्रियान्वयन में चार तरह के सुधार करने पर अतिरिक्त लोन लेने की पात्रता है। हर सुधार पर राज्य की जीडीपी का 0.25% लोन के हिसाब से मप्र द्वारा सुधार करने के एवज में 0.75% लोन मिल गया है। शेष 0.25% लोन की स्वीकृति देने की बात वित्त मंत्री ने कही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र का परफार्मेंस अन्य राज्यों से बेहतर है। ऐसे में हमने 1% अतिरिक्त लोन की मंजूरी देने की मांग वित्त मंत्री से की है।
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