जम्मू-कश्मीर के एक गांव तांता में रहने वाले इन दिनों बहुत खुश हैं। डोडा जिले के पहाड़ों से घिरे इस गांव में रविवार को पहली बार लाइट पहुंची। इससे लोगों को इतनी खुशी हुई कि स्विच ऑन करते वक्त उनकी आंखों में आंसू आ गए। इससे पहले बिजली के बिना उनकी रातें अंधेरे में और दिन परेशानी में गुजर रहे थे।
एक दिन उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के जनसुनवाई कार्यक्रम मुलाकात में शिरकत की और उन्हें अपनी परेशानी बताई। इसके बाद मनोज सिन्हा ने अफसरों को एक महीने में गांव तक लाइन बिछाने का आदेश दिया। इसके बाद अधिकारी एक्टिव हुए और महज 10 दिन के अंदर सप्लाई शुरू कर दी गई।
DDC ने कहा- यह बहुत भाग्यशाली दिन
उपराज्यपाल के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जम्मू पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (JPDCL) और शलाका (रियल एस्टेट कंपनी) के अफसरों के साथ मिलकर खराब मौसम के बावजूद काम शुरू कर दिया। डोडा की डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमेटी ने कहा कि आज हमारे लिए बहुत ही गर्व का और भाग्यशाली दिन है। हम हर घर तक बिजली पहुंचाने के सरकार के सपने को आज हकीकत बनते देख रहे हैं।
खराब मौसम के बावजूद काम पूरा किया
कई दिनों से हो रही बर्फबारी के कारण पहाड़ों पर दो से तीन फीट बर्फ बिछी है। इसके बावजूद पूरा प्रशासन इस काम में लगा रहा। 10 दिन में इलाके में पोल और तार लगाए गए। इसके अलावा बिजली सप्लाई के सभी काम किए गए। इसके बाद इतिहास में पहली बार इस गांव में लाइट आई। आने वाले दिनों में हम ऐसे सभी इलाकों में बिजली सप्लाई करने की कोशिश करेंगे।
स्विच ऑन करते वक्त आंखों में आंसू आए
गांव के मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि मैं अपनी खुशी का इजहार नहीं कर सकता। सभी बहुत खुश हैं। बिजली न होने से मेरे बेटे ने रात में मशाल की रोशनी में पढ़ाई पूरी की। रात के वक्त बहुत मुश्किल होती थी। मैं 81 साल का हूं, लेकिन पूरी जिंदगी में इससे पहले इस इलाके में मैंने कभी लाइट नहीं देखी थी।
गांव के मोहम्मद रमजान ने कहा कि अंग्रेजों से आजादी के 73 साल बाद इस गांव के लोगों को बिजली मिली है। अब हमारे बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं, ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) की अध्यक्ष फातिमा बेगम ने बताया कि बल्ब का स्विच ऑन करते वक्त कई लोगों की आंखों में खुशी की वजह से आंसू आ गए। इससे पता चलता है कि उन्हें इसकी कितनी जरूरत थी।
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