Thursday, 22nd May 2025

गांधी की शरण में कांग्रेस:चार दिन सेवाग्राम में गांधी का पाठ पढ़ेगी प्रदेश कांग्रेस, अध्यक्ष बोले- यह उनका सामना करने के लिए जो राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांट रहे हैं

Mon, Jan 11, 2021 8:01 PM

  • 11 से 14 जनवरी तक चलेगा वर्धा में गांधी दर्शन का प्रशिक्षण
  • प्रशिक्षण के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल रहेंगे
 

देशभर में सिमटती लोकप्रियता के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस महात्मा गांधी की ओर लौटी है। अगले चार दिन पूरी प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी गांधी की शरण में होगी। इसके लिए कांग्रेस के 85 प्रमुख नेताओं का एक जत्था आज सुबह महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी के आश्रम सेवाग्राम के लिए रवाना हुआ। पूरे देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रदेश की पूरी की पूरी कार्यकारी इकाई सेवाग्राम में गांधी को करीब से जानने पहुंची हो। यह प्रशिक्षण 11 से 14 जनवरी तक चलना है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में नेताओं का यह जत्था सुबह राजीव भवन से रवाना हुआ। बसों से रवाना हुए जत्थे में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव भी शामिल हुए। एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया दिल्ली से सीधे वर्धा पहुंच रहे हैं।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी के 41 सदस्य, 36 जिला अध्यक्ष, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवा दल और एनएसयूआई के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकारी विनोद वर्मा, राजेश तिवारी और कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी शामिल हैं। प्रशिक्षण के समापन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कुछ मंत्री भी सेवाग्राम में मौजूद रहेंगे।

शिविर के दौरान गांधीवादी विचारों का होगा संवाद

चार दिनों के प्रशिक्षण में गांधी के अहिंसा के सिद्धांतों से लेकर उनके राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। शिविर के दौरान गांधीवादी विचारकों का संवाद होगा। गांधी के विचार और गांधी के ग्राम स्वराज पर विशेष चर्चा होगी।

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, महात्मा गांधी की विचारधारा को समझने का प्रयास करने के लिए यह प्रशिक्षण हो रहा है। यह वह विचारधारा है जिसने देश को एक सूत्र में पिरोया। उन्होंने कहा, देश में ऐसी विचारधारा खड़ी हुई है जो देश को तोड़ना चाहती है।

मरकाम ने कहा- हम ऐसी विचारधारा को मानने वाले जो देश को जोड़े रखना चाहती है

मरकाम ने कहा, हम ऐसी विचारधारा को मानने वाले हैं जो देश को जोड़े रखना चाहती है। यह प्रशिक्षण ऐसी ताकतों का सामना करने के लिए है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में एक उंगली तक नहीं कटाई लेकिन आज हमें राष्ट्रवाद की परिभाषा समझा रहे हैं। राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांट रहे हैं।

चार दिनों के प्रशिक्षण के बाद कांग्रेस की राजनीति और उनके नेताओं के व्यवहार में क्या अंतर आता है यह तो वक्त बताएगा। फिलहाल गांधी और नेहरु की ओर कांग्रेस की वापसी एक राजनीतिक सिद्धांत की तलाश ही दिख रही है, जिसके सहारे वह साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला कर सके।

निचले स्तर पर भी होगा प्रशिक्षण

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बताया, यह प्रशिक्षण पीसीसी और प्रदेश पदाधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगा। जल्दी ही ब्लॉक कांग्रेस समितियों, सेक्टर और बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के लिए ऐसे प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। यह प्रशिक्षण प्रदेश में अथवा प्रदेश के बाहर कहीं भी हो सकता है।

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