भोपाल में एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बना। शनिवार शाम 6:45 बजे बंसल हॉस्पिटल से एंबुलेंस 'लिवर' लेकर रवाना हुई। एंबुलेंस से 18 मिनट में 7 बजकर 3 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचाया गया। यह लिवर टीचर तापसी चक्रवर्ती का था। उनकी ब्रेन हेमरेज से 7 जनवरी को मौत हो गई थी। परिवार ने उनके अंगों को दान करने का निर्णय लिया। इस दौरान हॉस्पिटल से एयरपोर्ट ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। पूरे रास्ते ट्रैफिक रोक दिया गया।
जिस रास्ते से एंबुलेंस गुजरी, लोगों ने उसे सलाम किया। यह लिवर दिल्ली के ILBS हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाना था। तापसी चक्रवर्ती के दूसरा अंग किडनी लेकर दूसरी एंबुलेंस इसी अस्पताल से रेडक्राॅस सिद्धांता हॉस्पिटल पहुंची। यह दूरी महज 15 मिनट में पूरी की गई।
यहां डॉक्टरों की टीम पहले से तैयार थी। एंबुलेंस के पहुंचते ही टीम ने किडनी हॉस्पिटल सेकंड फ्लोर पर पहुंचा दी। यह किडनी हॉस्पिटल में भर्ती रोशन सिंह को ट्रांसप्लांट की जाएगी। इसके बाद रात करीब 9 बजे गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बंसल अस्पताल पहुंचे। यहां वे तापसी की आखों का कार्निया साथ ले गए। उनकी एक किडनी बंसल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी। भोपाल में इससे पहले भी ग्रीन कॉरिडोर बन चुका है, लेकिन इस बार केवल एक अंग नहीं ,बल्कि दो अंगों के लिए बना।
कायम की मिसाल
टीचर तापसी चक्रवर्ती का लिवर, दोनों किडनी और आंखें उनके परिवार ने दान कर मिसाल कायम की। कोलार रोड जानकी अपार्टमेंट निवासी तापसी चक्रवती को 6 जनवरी को ब्रेन हेमरेज अटैक आया था। परिजनों ने उन्हें बंसल अस्पताल में भर्ती किया था, लेकिन 7 जनवरी को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद उनके पति अभय चक्रवर्ती और बेटे अमित ने परिवार के अन्य सदस्यों से चर्चा करके तय किया कि वे अंगदान करेंगे।
जब भोपाल आर्गन डोनेशन सोसायटी के सदस्यों से चर्चा की। फिर अंगदान पर सहमति बनी। इसके बाद तापसी के किडनी, लिवर और कार्निया का एपनिया टेस्ट कराया गया, जो पॉजिटिव आया। निर्णय लिया कि एक किडनी बंसल अस्पताल में एडमिट मरीज को दी जाएगी। दूसरी सिद्धांता रेडक्रॉस में भर्ती रोशन सिंह और लिवर दिल्ली के ILBS अस्पताल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इसके अलावा कार्निया गांधी मेडिकल कॉलेज को दान किए गए।
Comment Now