नए साल में राज्य के सभी जिलों में डायल-112 की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके लिए 120 नई गाड़ियों की खरीदी की जाएगी। कंट्रोल रूप में कॉल टेकर की संख्या 50 हो जाएंगी। इसके लिए नई भर्तियां भी की जाएंगी। डायल-112 के लिए अनुपूरक बजट में 25 करोड़ मंजूर किए गए हैं। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति मिलते ही मार्च तक सारे जिलों में काम शुरू हो जाएगा। एक ही नंबर पर पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की आपातकालीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दो साल पहले डायल-112 की शुरुआत की गई थी। 11 जिलों से इसकी शुरुआत हुई थी, जिसमें रायपुर के साथ-साथ ज्यादातर मैदानी इलाके शामिल हैं। इन जिलों में बेहतर काम के बाद प्रदेशभर में यह सुविधा शुरू करने की मांग थी। इस संबंध में राज्य शासन को प्रस्ताव दिया गया था। हाल में जब किसानों की आत्महत्या और रकबे में कटौती व गिरदावरी में गड़बड़ी के मामले आए, तब राज्य शासन ने किसानों की समस्याओं का हल निकालने के लिए डायल-112 की मदद ली है। इसके बाद यह सुविधा प्रदेशभर में शुरू करने की रूपरेखा बनाई गई। इन जिलों से हुई थी शुरुआत: रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जगदलपुर शहर। अब नई जिलों के लिए आया प्रस्ताव: बलौदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कांकेर, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर। इन जिलों के कंट्रोल रूम जुड़ेंगे: नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा।
40 से ज्यादा महिलाओं के प्रसव
डायल-112 की सुविधा शुरू होने के बाद आपातकालीन सेवा ही नहीं, बल्कि कई ऐसे मौके भी आए जब फायर ब्रिगेड ही नहीं, बल्कि 108 से पहले भी डायल-112 की टीम पहुंची। अब तक 40 महिलाओं के सुरक्षित प्रसव डायल-112 की गाड़ियों में हुए हैं। इसके अलावा आत्महत्या की कोशिश करने वाले लोगों को बचाने से लेकर आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड से पहले डायल-112 के जवानों ने ग्रामीणों की मदद से आग बुझाई।
नक्सल एरिया में अभी कम गाड़ियां
राज्य के शहरी व मैदानी क्षेत्रों में 112 की गाड़ियों के लिए ऐसे केंद्र बिंदू तय किए जाएंगे, जिससे वे बड़े हिस्से को कवर कर सकें, हालांकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभी कम गाड़ियां होंगी। इन क्षेत्रों में शहरी हिस्से में यह सुविधा उपलब्ध होगी। दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क व अन्य दिक्कतों की वजह से पूरी तरह सुविधा देने में अभी और समय लगेगा।
प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद तीन माह में सुविधा
"अनुपूरक बजट में 11 जिलों डायल-112 सुविधा शुरू करने के लिए 25 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है। प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद तीन महीने में यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। नई गाड़ियों की खरीदी के अलावा कॉल टेकर-डिस्पैचर की भर्ती की जाएगी। इसके साथ ही सभी जिलों के कंट्रोल रूम डायल-112 से जुड़ जाएंगे।"
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