छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक किराना दुकान के कर्मचारी की मौत हो गई। आग बुझने के बाद उसका झुलसा हुआ शव दुकान के गोदाम में मिला है। खास बात यह है कि गोदाम के सभी खिड़की और दरवाजे खुले हुए थे। अगर चाहता तो वह जान बचा सकता था। ऐसे में कर्मचारी की मौत की गुत्थी उलझ गई है। पुलिस इसे हादसा, हत्या और खुदकुशी तीनों नजरिए से देख रही है।
जानकारी के मुताबिक, पुलगांव क्षेत्र के नगपुरा स्थित किराना दुकान का मालिक मनीष चंद्राकर बुधवार को नहीं था। दुकान के दोनों नौकर पाटन निवासी अक्षत यादव व उसके साथी ने साथ में खाना खाया और फिर अपने-अपने काम में लग गए। इस बीच अक्षत किसी काम से गोदाम में गया। वहां शार्ट सर्किट से आग लग गई। जब आग पर काबू पाया गया तो अंदर अक्षत का शव पड़ा मिला।
सौ फीसदी झुलसी हुई हालत में मिला नौकर का शव
पुलिस के मुताबिक, सूचना मिलने पर जब जवान मौके पर पहुंचे तो अक्षत पूरी तरह झुलस चुका था। सौ फीसदी जलने के कारण उसकी मौत हो गई थी। जबकि गोदाम में लगी आग बुझाई जा चुकी थी। जांच में पता चला है कि गोदाम में खिड़की और दरवाजे खुले थे। अक्षत आग की चपेट में आने के बाद भी अगर बचने के लिए भागता तो बच जाता। इस वजह से उसकी मौत पर कई तरह के संदेह है।
फोरेंसिक और पीएम रिपोर्ट से होगा मौत का कारण स्पष्ट
पुलिस की माने तो युवक की मौत के कई कारण हो सकते है। पहला युवक की मौत करंट लगने से हुई होगी। दूसरा आग की चपेट में आने से वह झुलस गया होगा। तीसरा युवक ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया होगा। युवक की मौत की गुत्थी फोरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद खुलेगी। फिलहाल मामला खुदकुशी, हत्या और हादसे में उलझा हुआ है।
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