कोविड-19 वैक्सीन की तैयारियों को परखने के लिए शुक्रवार को जिले के चार अस्पतालों में ड्राई रन किया गया। यह एक तरह की रिहर्सल थी, ताकि जब वैक्सीन लगाना शुरू की जाए तो किसी तरह की कोई गलती न हो। सुबह सबसे पहले बाकायदा वैक्सीन को सुरक्षा के साथ सेंटर्स पर भिजवाया गया। हुकमचंद पॉलीक्लिनिक में सबसे पहले दो नर्सों पर ड्राई रन हुआ। स्वास्थ्यकर्मी को बाएं हाथ पर सिरिंज लगाया गया। सिर्फ सूई को हाथ पर स्पर्श किया गया।
चार अस्पतालों में ड्राई रन
एमवायएच, हुकमचंद पॉलीक्लिनिक, हातोद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और राजश्री अपोलो अस्पताल में सुबह 9 से 11 बजे तक ड्राई रन किया गया। गुरुवार को पूरा दिन स्टाफ की ड्यूटी, सामान पहुंचाने और सुरक्षाकर्मी तैनात करने में लग गया था। मॉक ड्रिल के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया ने सभी विभागों और अस्पताल के अधिकारियों से बात की। प्रत्येक सत्र में एक सुपरवाइजर व एक चिकित्सा अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, अभी सिर्फ ड्राई रन था, इसलिए सेंटर पर डॉक्टर उपलब्ध रहे, लेकिन जब नियमित वैक्सीनेशन शुरू होगा तब पांच बूथों पर एक डॉक्टर की ड्यूटी रहेगी।
ऐसा रहा वैक्सीनेशन का पूरा शेड्यूल
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के लिए चार रूम
वेटिंग रूम : जिन्हें वैक्सीन लगनी थी, उन्हें यहां बिठाया गया।
वैक्सीनेशन रूम : इस कक्ष में टीका लगाया गया।
ऑब्जर्वेशन रूम : टीका लगाने के बाद इसी कक्ष में 30 मिनट तक निगरानी में में रखे जा रहे।
इमरजेंसी रूम : किसी भी तरह का साइड इफैक्ट होने की स्थिति में यहां इलाज किया जाएगा।
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