ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस रहे मोहम्मद रफीक मध्य प्रदेश के 29वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। उन्हें रविवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पद की शपथ दिलाई। राजभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सहित कई जज मौजूद रहे।
गौरतलब है, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल पिछले साल 29 सितंबर को रिटायर हो गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय यादव के पास एक्टिंग चीफ जस्टिस का दायित्व रहा। उनका तबादला भी इलाहाबाद हाईकोर्ट किया गया है।
24 की उम्र में वकालत से अपने सफर की शुरूआत करने वाले जस्टिस मोहम्मद रफीक के पास लंबा अनुभव है। 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा की थी। इसके बाद, केंद्र सरकार ने दो दिन पहले तबादला आदेश जारी किया था।
राजस्थान के शेखावाटी मूल के हैं जस्टिस रफीक
अप्रैल 2020 में जस्टिस मोहम्मद रफीक ओडिशा के 31वें चीफ जस्टिस बने थे। अब वे रविवार से मप्र के चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे। जस्टिस मोहम्मद रफीक शेखावाटी के चुरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे के रहने वाले हैं। कायमखानी परिवार में 25 मई, 1960 को जन्मे मोहम्मद रफीक ने वकालत की डिग्री लेकर 1984 में राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत की शुरू की थी। वकालत के समय में जस्टिस मोहम्मद रफीक राजस्थान हाईकोर्ट के एकमात्र ऐसे वकील थे, जो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के शासनकाल में अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे।
2006 में राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए थे
15 मई 2006 को वे राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए। राजस्थान हाईकोर्ट में दो बार अलग अलग समय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। 13 नवंबर 2019 को जस्टिस मोहम्मद रफीक मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। 4 माह बाद ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस मोहम्मद रफीक को अहम जिम्मेदारी देते हुए मेघालय हाईकोर्ट से ओडिशा हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश की थी।
जस्टिस मोहम्मद रफीक का सफरनामा
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