भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को प्रेशर में सीएम बनने वाले सवाल पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नाम पर वोट मिला है। उनके नेतृत्व में हमलोगों ने चुनाव लड़ा था। भाजपा के अलावा NDA की अन्य सहयोगी पार्टी के नेताओं ने भी नीतीश कुमार से सीएम बनने के लिए आग्रह किया था। नीतीश कुमार की इच्छा नहीं होने के बावजूद जदयू नेताओं ने भी उन्हें सीएम बनने को लेकर आग्रह किया था। इसके बाद नीतीश कुमार सीएम बनने के लिए तैयार हुए थे।
कॉर्डिनेशन पर पूर्व डिप्टी सीएम का जवाब
दैनिक भास्कर ने सुशील मोदी से सवाल किया कि आपके दिल्ली जाने के बाद क्या कॉर्डिनेशन की कमी हो गई है, क्योंकि आप जब तक थे तो यहां कॉडिनेशन बेहतर था। इस पर उन्होंने कहा कि कोई कमी नहीं है। दोनों के बीच बेहतर तालमेल है। दोनों तरफ का नेतृत्व इतना सक्षम है कि हर तरह की समस्या का समाधान करने में सक्षम है।
जेटली की प्रतिमा पर माल्यार्पण
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के जयंती समारोह में उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जनता दल यू के नेताओं ने खुद कहा है कि बिहार के गठबंधन और सरकार पर अरुणाचल की सियासत का असर नहीं पडे़गा। बिहार के अंदर भाजपा जदयू का गठबंधन अटूट है। नीतीश के नेतृत्व में 5 साल सरकार काम करेगी। वहीं,उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू का नेतृत्व हर तरह का समाधान निकालने में सक्षम है। उन्होंने आरसीपी सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई दी।
जेटली के कामों की तारीफ
जयंती समारोह में माल्यार्पण के बाद सुशील मोदी ने दिवंगत नेता के कामों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर अरुण जेटली होते तो किसान आंदोलन का कोई न कोई हल जरूर निकाल लेते। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अरुण जेटली जी का बिहार के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। बिहार में गठबंधन को मजबूत करने में उनका अहम योगदान रहा है। बिहार में जदयू और भाजपा के बीच उन्होंने काफी मजबूत सामंजस्य स्थापित किया था। उनके कामकाज के तरीकों को भूला नहीं जा सकता है।
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