भोपाल में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए स्पेशल ट्रैफिक स्क्वाड (STS) का गठन किया गया है। इसमें बुलेट पर सवार ट्रैफिक जवान शहर के व्यस्ततम मार्गों, नियमित VIP मूवमेंट और सकरे मार्ग पर ट्रैफिक को क्लियर करने के लिए तैनात किए जाएंगे। शुरुआत में अभी सिर्फ 8 गाड़ियां ही चलाई जा रही है।
यह शहर के आठ अलग-अलग सबसे व्यस्ततम पॉइंट पर पीक ऑवर्स में रहेंगी। यह ट्रैफिक जाम या अन्य तरह के ट्रैफिक से संबंधित मामलों को तत्काल मौके पर जाकर क्लियर करेंगे। इन्हें कंट्रोल रूम से निर्देशित किया जाएगा, ताकि समस्या की जगह पर समय पर पहुंचा जा सके।
ट्रैफिक के लिए यह व्यवस्था है
शहर में ट्रैफिक को व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित किए जाने के लिए ITMS कार्य कर रहा है। यह करीब 15 करोड़ खर्च कर तैयार किया गया। इसे कंट्रोल करने के लिए एक कंप्यूटरीकृत अत्याधुनिक कंट्रोल रूम है। शहर के 24 से अधिक प्रमुख चौराहों और तिराहों पर विशेष कैमरे लगाए गए हैं। इन्हीं कैमरे की मदद से ऑटोमेटिक E-चालान बनाया जाता है।
कैमरे ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने वाले वाहन चालक की गाड़ी नंबर के आधार पर चालान तैयार करता है। इसके साथ ही अनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है जिससे लगातार वाहन चालक को उनके द्वारा की गई गलती के बारे में जानकारी दी जाती है। हालांकि यह सिर्फ वाहन चालक को स्टाप लाइन के पीछे रहने तक ही सीमित है।
शहर 20 से अधिक ट्रैफिक पाइंट लगते हैं
ट्रैफिक पुलिस अभी शहर में 20 से अधिक चेकिंग पॉइंट लगाकर ट्रैफिक के नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई करती है। इसके अलावा सूचना मिलने पर ट्रैफिक को क्लियर करने के लिए टीम को भेजा जाता है। अभी सिर्फ मुख्य रूप से VIP मूवमेंट, चेकिंग और कुछ अधिक ट्रैफिक वाले रास्तों पर ही ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात किए जाते हैं। इसके अलावा बिना सिग्नल वाले चौराहों पर भी पीक ऑवर्स में ड्यूटी लगाई जाती है।
यहां सबसे ज्यादा समस्या वाले इलाके
कोलार, हमीदिया रोड, मंगलवारा, न्यूमार्केट, सिंधी कॉलोनी चौराहा, बैरसिया रोड, रॉयल मार्केट रोड, शाहजहांनाबाद, भारत टॉकीज तिराहा और बस स्टैंड तिराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव रहता है।
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