Friday, 23rd May 2025

देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो:मोदी ने दिल्ली में ऑटोमेटेड मेट्रो की शुरुआत की; 2 ट्रेनें एक ट्रैक पर आईं तो अपने आप रुक जाएंगी

Mon, Dec 28, 2020 6:45 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की शुरुआत दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो की सुविधा शुरू की गई है। इससे मेट्रो के संचालन में इंसानी भूल की आशंका खत्म हो जाएगी।

मोदी ने कहा कि 3 साल पहले मैजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी लाइन पर पूरी तरह से ऑटोमेटेड मेट्रो के उद्घाटन का सौभाग्य मिला। ये दिखाता है कि कैसे देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मोदी के भाषण की अहम बातें

2025 तक 25 से ज्यादा शहरों में मेट्रो का लक्ष्य
मोदी ने कहा कि दिल्ली में पहली मेट्रो अटलजी के प्रयासों से चली। 2014 में जब हमारी सरकार बनी, तब केवल 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में ये सेवा है। 2025 तक 25 से ज्यादा शहरों में विस्तार कर देंगे। मेट्रो का विस्तार 700 किमी से ज्यादा है। 2025 में इसका विस्तार 1700 किमी करने पर विचार कर रहे हैं। अब 25 लाख लोग रोज मेट्रो से सवारी करते हैं। ये ईज ऑफ लिविंग का सबूत है। ये देश के मिडिल क्लास के सपने पूरे होने के साक्ष्य हैं।

मेट्रो प्रदूषण कम करने का जरिया
हमने ध्यान दिया कि मेट्रो का विस्तार वहां की लाइफ स्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए। हर शहर में इस पर अलग तरह से ही काम हो रहा है। जहां यात्री संख्या कम है, मेट्रो लाइट पर काम हो रहा है। जहां वॉटर बॉडी है, वहां वॉटर मेट्रो पर काम किया जा रहा है। आज मेट्रो सुविधा-संपन्न माध्यम भर नहीं है, यह प्रदूषण कम करने का भी जरिया है। इसके चलते सड़क से कई वाहन कम हुए हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मदद मिली
अब देश की चार बड़ी कंपनियां ही मेट्रो कोच पर काम कर रही हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मदद मिल रही है। मुझे अभी बिना ड्राइवर वाली मेट्रो का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला। हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां ये सुविधा है।

ड्राइवरलेस मेट्रो की 3 प्रमुख खूबियां
1.
इसका सिस्टम इतना सेफ है कि कभी दो मेट्रो एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो एक तय दूरी पर अपने आप रुक जाएंगी।
2. मेट्रो में सफर के दौरान कई बार झटके जैसा जो अनुभव होता है, वह ड्राइवरलेस ट्रेन में नहीं होगा।
3. ट्रेन में चढ़ने-उतरने के दौरान पैसेंजर्स को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

इसका सिस्टम कैसे काम करता है?

  • ड्राइवरलेस मेट्रो का सफर कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम (CBTC) से लैस है।
  • यह सिस्टम एक वाई-फाई की तरह काम करता है। यह मेट्रो को सिग्नल देता है जिससे वह चलती है।
  • मेट्रो ट्रेन में लगे रिसीवर सिग्नल मिलने पर मेट्रो को आगे बढ़ाते हैं। विदेश की कई मेट्रो में इस सिस्टम को यूज किया जाता है।

बाद में मेट्रो के पूरे तीसरे फेज की सभी लाइन पर चलेगी
DMRC के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कम्युनिकेशन), अनुज दयाल के मुताबिक मैजेंटा लाइन के बाद 57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत की जाएगी। अनुज दयाल ने बताया कि जब पिंक और मैजेंटा लाइन तैयार की गई थीं तो इन्हें कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम से लैस किया गया था।

दुनिया के 46 शहरों में ऑटोमेटेड मेट्रो ट्रेनें चल रहीं
द इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पब्लिक ट्रांसपोर्ट (UITP) के मुताबिक 2019 तक दुनिया के 46 शहरों में 64 ऑटोमेटेड मेट्रो ट्रेनें चल रही थीं।

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की शुरुआत
मोदी ने एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाले नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का उद्घाटन भी किया। पिछले डेढ़ सालों में 23 बैंकों की तरफ से जारी रुपे डेबिट कार्ड से कोई भी व्यक्ति इस कार्ड के जरिए एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर सफर कर सकेंगे। यह सुविधा 2022 तक पूरे दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर मिलने लगेगी। इसके बाद स्मार्ट कार्ड के साथ ही डेबिट कार्ड से भी यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे।

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