Friday, 23rd May 2025

किसान आंदोलन का भाजपाई काउंटर:भाजपा नेताओं ने आजाद चौक पर बड़ी स्क्रीन लगाकर सुनी PM की किसानों से LIVE बातचीत, किसानों पर छत्तीसगढ़ में सरकार को घेरा

Fri, Dec 25, 2020 11:35 PM

  • विधायक दल की बैठक में तय हुआ था किसानों के लिए आंदोलन
  • किसानों का पूरा धान खरीदने और एकमुश्त 2500 रुपए देने की मांग
 

केंद्र सरकार के कृषि संबंधी विवादित कानूनों के खिलाफ देश भर में आंदोलन जारी है। इस आंदोलन को काउंटर करने के लिए अपने होल्ड वाले क्षेत्रों में भाजपा सड़क पर उतरी हुई है। भाजपा ने आज रायपुर के आजाद चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना शुरू किया है।

भाजपा नेताओं ने धरना स्थल पर बड़ी सी टीवी स्क्रीन लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों से बातचीत का लाइव देखा। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, सांसद सुनील सोनी सहित विधायक, सांसद और पदाधिकारी मौजूद रहे।

इस धरने की रूपरेखा भाजपा विधायक दल की बैठक में दो दिन पहले बनी।
इस धरने की रूपरेखा भाजपा विधायक दल की बैठक में दो दिन पहले बनी।

बाद में सभा कर भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया। भाजपा नेताओं ने कहा, किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस राजनीति कर रही है। किसानों को गुमराह किया जा रहा है जबकि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

भाजपा के इस धरने का कार्यक्रम दो दिन पहले विधायक दल की बैठक में तय हुआ था। भाजपा नेता पंजीकृत किसानों का पूरा धान खरीदने की मांग कर रहे हैं। अभी सरकार प्रति एकड़ 15 क्विंटल की दर से ही खरीदी कर रही है।

भाजपा ने किसानों को धान का दाम एकमुश्त 2500 रुपया प्रति क्विंटल की दर से देने की मांग की है। अभी सरकार केंद्र से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य का ही भुगतान कर रही है। शेष रकम को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किस्तों में देने का प्रस्ताव है।

आत्महत्या करने वालों के परिजनों को मुआवजा मांगा

भाजपा ने विधानसभा में किसानों की आत्महत्या का मामला उठाया था। अब वह आत्महत्या के हर मामले की विश्वसनीय जांच की मांग कर रही है। भाजपा नेताओं ने आत्महत्या करने वाले किसानों को परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा देने की भी मांग की है।

यह भी प्रमुख मांगे

  • धान संग्रहण केंद्रों में खराब हुए धान की जांच की जाए।
  • धान खरीदी की समय-सीमा में वृद्धि की जाए।
  • दो सालों से बकाया धान का बोनस किसानों को दिया जाए।

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