Friday, 23rd May 2025

50 लाख के मासिक कारोबार पर फैसला:1% नकदी में दे सकते हैं GST का पैसा, फर्जी बिलों को रोकने के लिए कदम

Thu, Dec 24, 2020 1:14 AM

  • CBIC ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) नियमों में नियम 86B जोड़ा है
  • इससे जीएसटी देनदारी का 99% तक ही इनपुट टैक्स क्रेडिट के इस्तेमाल से चुकाना होगा
 

अगर किसी कारोबारी का मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपए है तो उसे कम से कम 1% GST नकदी में देना होगा। यह कदम फर्जी बिलों को रोकने के लिए उठाया गया है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

नियम 86 बी को जोड़ा गया

जानकारी के मुताबिक, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) नियमों में नियम 86B जोड़ा है। इसका मतलब यह है कि जीएसटी देनदारी का 99% तक ही इनपुट टैक्स क्रेडिट के इस्तेमाल से चुकाना होगा। CBIC ने कहा है कि टर्नओवर की लिमिट कैलकुलेट करते वक्त GST के दायरे में न आने वाले सामान और जीरो टैक्स रेट वाली सप्लाई को शामिल नहीं किया जाएगा।

एक लाख रुपए से ज्यादा के इनकम टैक्स देने पर नहीं लागू होगा

CBIC ने यह भी कहा कि नए नियम के तहत प्रतिबंध उस मामले में लागू नहीं होगा, जहां कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर या पार्टनर ने 1 लाख रुपए से ज्यादा की रकम इनकम टैक्स के रूप में दी है। यह प्रतिबंध उस मामले में भी नहीं लागू होगा, जहां GST में रजिस्टर व्यक्ति को यूटिलाइज नहीं किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए से ज्यादा रिफंड अमाउंट मिला है।

89 B को लागू किया था

जानकारी के मुताबिक, सरकार ने इससे पहले 89 बी नियम को लागू करते समय भी इनपुट क्रेडिट यूटिलाइजेशन पर प्रतिबंध लगाया था। टैक्स जानकारों के मुताबिक, अब तक जीएसटीआर 3बी की फाइल न करने के परिणामस्वरूप ई-वे बिल में रुकावट आई थी, लेकिन अब इसके चलते जीएसटीआर 1 में भी रुकावट आएगी। सरकार ने अब जीएसटीआर में आउटवर्ड सप्लाई डिटेल्स दाखिल करने पर पाबंदी लगा दी है।

यहां सरकार का विचार उन व्यवसायों से गुजरने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट पर अंकुश लगाने के लिए प्रतीत होता है जिन्होंने अपनी जीएसटी का भुगतान नहीं किया है।

सरकार कम टैक्स कलेक्शन से जूझ रही है

इन बदलावों से संकेत मिलता है कि सरकार कम टैक्स कलेक्शन और हाई टैक्स चोरी करने वालों से जूझ रही है, जिसका बोझ फिर से ईमानदार करदाताओं पर पड़ेगा। सीबीआईसी ने जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से आधार नंबर या व्यावसायिक परिसरों के फिजिकल वेरिफिकेशन के प्रमाणीकरण को भी अधिसूचित किया है। धोखाधडी वाले रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगाने के लिए यह संशोधन पेश किया गया है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वे बिल के प्रावधानों की वैधता में सीबीआईसी ने संशोधन किया है।

इसके मुताबिक ई-वे बिल हर 200 किमी की यात्रा के लिए 1 दिन के लिए मान्य होगा, जबकि पहले 100 किमी की दूरी तय की गई थी।

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