जिले के बंडा में गरीबी के कारण बीमारी से तड़पती 11 माह की दिव्यांग मासूम का मां-बाप चाहकर भी इलाज नहीं करवा पा रहे थे। पड़ोसियों की शिकायत पर मामला पुलिस की विशेष किशोर इकाई तक पहुंचा। इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने मौके पर पहुंच कर मां-बाप को समझाकर बच्ची अस्पताल में भर्ती कराया।
चाइल्ड लाइन टीम की ज्योति तिवारी ने बताया कि बिनैका थाना अंतर्गत हिंडोरिया गांव में मोनू-महक नाम के दंपती अपनी 11 माह की बच्ची का मजबूरी में इलाज नहीं करा रहे थे। उसका जन्मजात एक हाथ नहीं है। बच्ची की विशेष पार्ट इंफेक्शन होने से उतना हिस्सा सड़ना-गलना शुरू हो गया। इसके बाद भी मां-बाप उसे घर पर ही रखे रहे। उनके पास इलाज के पैसे नहीं थे। बच्ची की स्थिति देखकर पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस के साथ चाइल्ड लाइन की टीम ने पहुंचकर मां-बाप को बच्ची के इलाज के लिए तैयार किया और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
बिना बताए बच्ची को अस्पताल से ले गए मां-बाप
पुलिस व चाइल्ड लाइन की टीम के जाते ही मां-बाप बच्ची को बिना बताए अस्पताल से वापस घर ले गए। डॉक्टरों ने इसकी सूचना विशेष किशोर इकाई को दी। इसके बाद टीम फिर गांव पहुंची और मां-बाप को समझाइश देकर बच्ची को बीती रात जिला अस्पताल में फिर से भर्ती कराया। ज्योति तिवारी ने बताया कि मां-बाप बेहद गरीब हैं। इस वजह से वे इलाज कराने तैयार नहीं हो रहे।
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