Friday, 23rd May 2025

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज:राजनीति के अनमोल 'मोती' को सदन की श्रद्धांजलि, सम्मान में स्थगित हुआ विधानसभा में आज का कामकाज

Wed, Dec 23, 2020 2:33 AM

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, उनके नहीं रहने से पैदा हुई शून्यता
  • विपक्ष के नेताओं ने साझा किए दिवंगत मोतीलाल वोरा से जुड़ी याद
 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन शोक के माहौल में शुरू हुआ। मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी ने संयुक्त मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे मोतीलाल वोरा के निधन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, उनके निधन से छत्तीसगढ़ ही नहीं देश की अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी स्मृतियों में बसी मोतीलाल वोरा की छवि को साझा किया। बाद में दो मिनट का मौन रखकर प्रदेश के सबसे बुजुर्ग राजनेता को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा के बाद सदन की कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

  • सदन में श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जबसे होश संभाला है तब से वोरा जी को देख रहे थे। उनकी राजनीति को देखकर ही काम करता रहा। वे सुबह से देर रात तक काम करते रहते थे, बल्कि रात में भी उसी ताजगी के साथ काम करते थे। उनके निधन से ऐसी राजनीतिक शून्यता पैदा हुई है, जिसे भर पाना मुश्किल है।
  • गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, वे नेतृत्व पर आस्था सीखने की पाठशाला थे। गृहमंत्री ने एक संस्मरण सुनाया। उन्होंने कहा, उस समय चुनाव हो रहे थे। वोरा जी को टिकट मिला। प्रचार शुरू हो गया। उसी बीच टिकट काटकर चंदूलाल चंद्राकर को मिल गया। ऐसा एक बार फिर हुआ। हम कार्यकर्ता बड़े नाराज हुए कि बड़ी बेइज्जती हो रही है। हम तीन-चार लोग दिल्ली जाकर राजीव गांधी से मिले। बात नहीं बनी। बाद में मैंने उनसे पूछा कि आपने राजीव जी से बात क्यों नहीं की। उन्होंने कहा, मैं राजीव जी से कहता तो टिकट फिर मिल जाता, इससे मेरी इज्जत तो थोड़ी बढ़ जाती लेकिन मेरे नेता की बेइज्जती होती। ऐसा मैं कभी नहीं चाहूंगा।
  • स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, मेरे माता-पिता भी वोरा जी के साथ काम करने वालों में थे। संयोग रहा कि उनके आशीर्वाद से ही मैं राजनीति में आया। मेरे जीवन की सीख देने वालों में वोरा जी की बड़ी भूमिका रही है। उनकी सीख मेरे लिए एक धरोहर की तरह साथ रहेगा।

जब रमन सिंह की चुनावी गाड़ी को लगाया था धक्का

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, वे राजनीति में मोती की तरह चमकते रहे। उनका व्यक्तित्व कितना विशाल है यह समय देखने को मिला जब उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहा था। प्रचार के दौरान उनकी गाड़ी फंस गई। वोरा जी ने देखा तो अपने ड्राइवर को भेजा। गाड़ी को निकालने के लिए धक्का लगवाया, मैंने कहा-लोकसभा में भी ऐसे ही धक्का लगा दीजिएगा।

मुख्यमंत्री रहते हुए मैं संसद सत्र शुरू होने से पहले दिल्ली में सांसदों की बैठक लेता था। संकोच के साथ फोन करने पर वे गर्मजोशी के साथ बैठक में आने को तैयार रहते थे। आते थे और बकायदा नोट लेते थे। आज महसूस हो रहा है कि हम सबके अभिभावक नहीं रहे।

आज पेश होना था अनुपूरक बजट

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करने वाले थे। करीब 2500 करोड़ के इस बजट पर कल से चर्चा शुरू होगी।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery